इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के चेयरमैन शशांक मनोहर ने बुधवार (1 जुलाई) को अपने पद को छोड़ने का फैसला करते हुए इस्तीफा दे दिया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष मनोहर का यह दूसरा कार्यकाल था। उन्होंने नवंबर 15 को अपना दूसरा कार्यकाल शुरू किया था और 1 जुलाई को पद छोड़ने का फैसला लिया।
मनोहर दो और साल के लिए अपने पद पर रह सकते थे क्योंकि अधिकतम तीन कार्यकाल की स्वीकृति है। आइसीसी बोर्ड के अगले हफ्ते तक अगले अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को स्वीकृति देने की उम्मीद है।
इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के पूर्व चेयरमैन कोलिन ग्रैव्स और भारत के सौरव गांगुली इस पद के भावी उम्मीदवार हैं। बीसीसीआइ अध्यक्ष गांगुली का नामांकन इस बात पर निर्भर करेगा कि सुप्रीम कोर्ट उनका कूलिंग ऑफ पीरियड खत्म होने के बाद भी उन्हें अध्यक्ष पद पर बने रहने की अनुमति देता है या नहीं।
वेस्टइंडीज क्रिकेट के पूर्व प्रमुख डेव कैमरोन, न्यूजीलैंड के ग्रेगोर बार्कले, दक्षिण अफ्रीका के क्रिस नेनजानी भी समय-समय पर आइसीसी चेयरमैन पद की दावेदारी की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। मौजूदा हालत को देखा जाए तो बीसीसीआइ के नए संविधान के अनुसार गांगुली का राज्य और बीसीसीआइ में अधिकारी रहने के छह साल 31 जुलाई में पूरे हो रहे हैं और वह आइसीसी चेयरमैनशिप लेने के लिए पूरी तरह से क्वालीफाई हैं।
वहीं, 62 साल के हो चुके शशांक मनोहर बीसीसीआइ में दो बार अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनका पहला कार्यकाल 2008 से 2011 और दूसरा कार्यकाल अक्टूबर 2015 से मई 2016 तक रहा था। इसके बाद वह आइसीसी के स्वतंत्र चेयरमैन बने थे।
मनोहर के इस्तीफे से बीसीसीआइ को नुकसान पहुंच सकता है, क्योंकि बीसीसीआइ के दो आइसीसी टूर्नामेंट (टी-20 विश्व कप 2021 और वनडे विश्व कप 2023) में टैक्स में छूट को लेकर दो मामलों में उसका पक्ष हल्का रहेगा।