देश के पांच राज्यों में बर्ड फ्लू फैलने के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को इसके प्रसार को रोकने के लिए सतर्क कर दिया है। सर्दी का मौसम शुरू होने के साथ ही देश में आने वाले विदेशी प्रवासी पक्षियों के मार्फत बर्ड फ्लू के वायरस के पहुंचने की आशंका व्यक्त की गई है।
केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश व हिमाचल प्रदेश में इसके वायरस के पहुंचने की पुष्टि हो चुकी है, जबकि हरियाणा में हजारों पक्षियों के मरने की सूचना के बाद वहां के सैंपल को जांच के लिए भेजा गया है।
केंद्रीय पशुधन, डेयरी, पोल्ट्री व मस्त्य विभाग के सचिव अतुल चतुर्वेदी ने बताया कि बर्ड फ्लू से अभी किसी व्यक्ति के प्रभावित होने का खतरा नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पका हुआ चिकन व उबला अंडा खाने से बर्ड फ्लू नहीं फैलता है।
यह पूरी तरह सुरक्षित है। उधर, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए पांच राज्यों में बर्ड फ्लू फैलने की बात कही है।
मंत्रालय ने सभी राज्यों को भेजे दिशानिर्देश में कहा है कि अपने यहां चिडि़यों व मुर्गियों की असामान्य रूप से मौत को गंभीरता से लें, ताकि बर्ड फ्लू की आशंका से निपटने में मदद मिले। चतुर्वेदी ने कहा कि 2006 के सितंबर से भारत बर्ड फ्लू मुक्त देश घोषित हो चुका था, उसके बाद यह पहली बार हुआ है।
पक्षियों की असामान्य मौत की घटनाएं कुल 12 स्थनों पर हुई हैं। इनमें राजस्थान के बारां, कोटा, झालावाड़ और मध्य प्रदेश के मंदसौर, इंदौर और मालवा क्षेत्र प्रमुख हैं, जहां कौवों की मौत हुई है।
Himanchal Pradesh के कांगड़ा क्षेत्र में प्रवासी पक्षियों के मरने की सूचना है। केरल के कोट्टायम व अलापुआ में मुर्गियों व बत्तख के प्रभावित होने की खबर है।
एवियन इन्फ्लूएंजा की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने केंद्रीय नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर दी है, जहां से सभी प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी की जा रही है। चतुर्वेदी ने बताया कि वह खुद दिनभर में कम से कम दो बार राज्यों के सचिवों से इस बारे में विचार-विमर्श कर रहे हैं।
राजस्थान व मध्य प्रदेश में बर्ड फ्लू के लिए गठित नेशनल एक्शन प्लान के दिशानिर्देशों के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है। Himanchal Pradesh में वायरस के प्रसार को रोकने के बंदोबस्त करने को कहा गया है।