भारत सरकार स्वेदशी लड़ाकू विमान तेजस की खरीद पर अंतिम मुहर लगा दी है। ये सौदा 48 हजार करोड़ का है। सौदे के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड भारतीय वायु सेना को 83 लड़ाकू विमान मुहैया कराएगी।
बेंगलुरू में होने वाले एयरो इंडिया शो के दौरान इस बड़े कांट्रेक्ट पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय वायु सेना के उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में हिंदुस्तान एयरनॉटिक्स लिमिटेड से 3 फरवरी को हस्ताक्षर किए जाएंगे। तेजस स्वेदेशी तकनीक से विकसित एक सिंगल इंजन का मल्टी रोल सुपरसॉनिक फाइटर जेट है।
ये किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है। इसके भारतीय वायुसेना में शामिल होने से देश की हवाई ताकत और अधिक बढ़ जाएगी। चौथी पीढ़ी का ये फाइटर जेट कई मायनों में बेहद खास है।
PM Modi की अध्यक्षता वाली केबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने 13 जनवरी को 73 तेजस एमके -1ए और 10 एलसीए तेजस एमके-1 ट्रेनर एयरक्राफ्ट के सौदे को इस सौदे को मंजूरी दी थी। इसके आने के बाद भारतीय वायु सेना की ताकत में इजाफा हो जाएगा।
तेजस को लेकर कई दूसरे देशों ने भी इसकी खरीद को लेकर भारत से अपनी इच्छा जाहिर की थी। तेजस एमके-1ए इलेक्ट्रानिकली स्केन ऐरे राडार, बियोंड विजुअल रेंज मिसाइल, इलेक्ट्रोनिक वारफेयर सूट और हवा में ईंधन लेने की क्षमता से लैस होगा।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर आर माधवन ने पिछले माह बताया था कि मार्च 2024 से भारतीय वायुसेना को तेजल लड़ाकू विमान की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। हर वर्ष करीब 16 विमानों की आपूर्ति की जाएगी।
इस विमान की बेसिक कीमत 25 करोड़ है जबकि 11 करोड़ रुपये इसके ग्राउंड सिस्टम सपोर्ट और दूसरी जरूरी चीजों के लिए हैं। इसके अलावा 7 हजार रुपये बेसिक कस्टम ड्यूटी और जीएसटी मिलाकर है।