2500 किलोमीटर में गंगा 18 प्रतिशत ही बेहतर

Haridwar से लेकर West Bengal तक गंगा नदी का केवल 18% हिस्सा ही ऐसा है, जिसे जलीय जीवों के रहने, प्रदूषण की मात्रा कम होने आदि के आधार पर बेहतर पाया गया है। यह वह क्षेत्र है जहां संरक्षित वन क्षेत्र या अभ्यारण्य हैं।नमामि गंगे पिरियोजना के तहत परियोजना वैज्ञानिक डॉ, शिवानी बड़थ्वाल के मुताबिक बिजनौर से नरोरा तक करीब 150 किलोमीटर का क्षेत्र Bangal में नवदीप क्षेत्र में गंगा कि सेहत सबसे बेहतर पाई गई। इसी तरह पश्चिम बंगाल में नवदीप क्षेत्र का 5 किलोमीटर का क्षेत्र गंगा में जलीय जीवों के लिए बेहतर पाया गया। इस क्षेत्रों में खनन नहीं हो रहा है और यहां संरक्षित क्षेत्र हैं। Jharkhand में फर्रूखा बैराज  में पानी रुकने की वजह से Kanpur, Varanasi आदि में गंगा की सेहत खराब पाई गई।

परियोजना सहायक रुचिका शाह के मुताबिक गंगा के निचले क्षेत्र में सबसे अधिक हानिकारक तत्व पाए गए। DDT सहित 13 प्रतिबंधित कीटनाशक गंगा के पानी में पाए गए। पानी सबसे अधिक प्रदूषण रहित उन क्षेत्रों में पाया गया, जहां किसी न किसी का संगम गंगा से हो रहा है। इसके अलावा निकिल, कोबाल्ट जैसे भारी तत्व भी गंगा के पानी में पाए गए। यहां मौजूद सुंदरवन जैव विविध क्षेत्र के संयुक्त निदेशक ड़ा. कुलनदेवल ने संस्थान से आग्रह किया कि इस रिपोर्ट को West Bengal की सरकार को तुरंत भेजा जाए।

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