गोरखनाथ मंदिर में बुधवार सुबह 3:30 बजे CM Yogi ने श्रीनाथ जी की विशिष्ट पूजा-आरती की और महारोट के प्रसाद से बाबा गोरखनाथ को भोग लगाया। उसके बाद उन्होंने देश की सुख सुख-समृद्धि की कामना के साथ मंदिर की ओर से बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाई। इसी क्रम में परंपरागत रूप से नेपाल राजपरिवार की ओर से नेपाल राष्ट्र के कल्याण और मंगल कामना के साथ श्रीनाथजी को खिचड़ी अर्पित की गई।
4 बजे मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कपाट खुलते ही गुरु गोरक्षनाथ और हर-महादेव के जय घोष के साथ श्रद्धालुओं का हुजूम मंदिर परिसर में उमड़ पड़ा। ठंड और कोहरे के बावजूद श्रद्धालुओं के गोरखनाथ मंदिर पहुंचने का सिलसिला जारी है।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मन्दिर के स्वयंसेवक और पुलिस-प्रशासन के लोग जगह-जगह पर तैनात हैं। मंगलवार की रात से ही खिचड़ी मेले की छटा देखने लायक है। मेला परिसर देखकर श्रद्धालुओं के उत्साह का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। झूले लगातार चल रहे हैं और स्टालों पर भीड़ उमड़ पड़ी है।
स्नान के समय श्रद्धालुओं ने ‘माधौ नारायण अच्युतं केशवं’ का जप किया। स्नान के बाद ब्राह्मण को खिचड़ी, काले तिल, अग्नि के लिए लकड़ी, ऊनी कपड़े, कंबल, मिष्ठान, गुड़, आंवला, घी और मौसमी फल दान किया।
अग्रसेन घाट, झूलेलाल घाट व लल्लू मल घाट पर भी स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कम रही। कुडिय़ा घाट पर स्नान करने आए लोगो ने काले तिल-गंगाजल और नदी में स्नान करते समय काले तिलों व कुश के साथ स्नान किया।