NASA ने जारी की रहस्यमय ग्रह की गुफाओं और ज्वालामुखी की तस्वीर

टेक्नॉलॉजी

 अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगल ग्रह की एक तस्वीर जारी की है। इसमें लाल ग्रह की सतह पर एक रहस्यमय छिद्र नजर आ रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इससे मंगल ग्रह पर जीवन के कुछ सुराग मिल सकते हैं हालांकि इसके लिए अभी अध्ययन की जरूरत है। इस तस्वीर के अलावा नासा ने पावोनिस मॉस नामक ज्वालामुखी की तस्वीर भी जारी की है, ज्वालामुखी की धूल भरी ढलानों को इसमें दर्शाया गया है।

इस तस्वीर को नासा के मार्स रिकाइंसेस ऑर्बिटर ने वर्ष 2011 में ही भेजा था, जिसे अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने अब सार्वजनिक किया है। इसके बारे में नासा के वैज्ञानिक रॉबर्ट नेमिरॉफ और जेरी बनेल ने विस्तार से बताया है। नासा ने अपने एक ब्लॉग में कहा है कि इस छेद के आसपास कई सुरक्षित गुफाओं का भी पता चला है, जिनकी लंबाई 35 मीटर और गहराई 20 मीटर तक होने का अनुमान है।

वैज्ञानिक अब यह अध्ययन करने में जुट गए हैं कि इस क्षेत्र के चारों तरफ गोलाकार गड्ढ़ा क्यों है। वैज्ञानिकों के एक वर्ग का अनुमान है कि यह गोलाकार गड्ढा एलियंस की मौजूदगी का सुबूत हो सकता है और शायद मानव जाति अब एलियंस के जीवन को उजागर करने के बेहद करीब पहुंच चुकी है।

हो रही है सबसे ज्यादा खोज : आयरन की अधिकता वाले लाल ग्रह में गैसें बहुत कम मात्रा में पाई जाती हैं। इसके बावजूद भी सौर मंडल के अन्य ग्रहों के मुकाबले वैज्ञानिक यहां सबसे ज्यादा खोज करते हैं। यह ग्रह सूर्य से दूरी के हिसाब से चौथा ग्रह है और इसके वायुमंडल में धूल कणों की अधिकता है। इससे पहले भी नासा के यान ने मंगल के दक्षिणी ध्रुव के पास एक तस्वीर ली थी जिसमें जमे हुए कार्बन डाईऑक्साइड के पिघलने के कारण एक बड़ा गड्ढा नजर आ रहा था।

और प्रबल हुई जीवन की संभावनाएं : वैज्ञानिकों का कहना है कि यह इसीलिए भी महत्वपूर्ण है कि क्योंकि इसके आसपास मौजूद गुफाएं मंगल के कठोर वातावरण से बची हुई हैं। यह बात जीवन की संभावनाओं को और प्रबल बनाती है। उनका मानना है कि यह छिद्र भविष्य के अंतरिक्ष यान, रोबोट और यहां तक कि खोजकर्ताओं के लिए एक प्रमुख लक्ष्य होगा। बता दें कि नासा के मार्स रिकाइंसेस ऑर्बिटर ने 2006 से लाल ग्रह के वातावरण और इलाके का अध्ययन करना शुरू किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *