उत्तर प्रदेश,वाराणसी: लोकसभा चुनाव 2019 के लिए 19 मई को होने वाले सांतवे चरण के चुनाव के लिए सोमवार को नामांकन का अंतिम दिन है। इस दिन अनेक प्रत्याशी पर्चा दाखिल कर रहे हैं। बीजेपी ने पीएम नरेन्द्र मोदी को प्रत्याशी बनाया है जबकि कांग्रेस से अजय राय व सपा-बसपा महागठबंधन से शालिनी यादव चुनावी मैदान में है।
प्रयागराज से बाहुबली अतीक अहमद ने भी यहां से पर्चा दाखिल करने की तैयारी की है। बड़ा सवाल यह है कि बनारस में पहले के हुए चुनाव में बाहुबलियों को कितनी जीत मिली है। बनारस सीट पर अभी तक किसी बाहुबली ने अपना खाता नहीं खोला है और एक भी चुनाव में जीत नहीं मिली है।
बनारस सीट पर 17 पर हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस, बीजेपी, कम्यूनिस्ट पार्टी से लेकर इंडियन नेशनल लोकदल के प्रत्याशी तक चुनाव जीत चुके हैं। आम तौर पर इस सीट पर दिग्गज ही चुनाव लड़ते आये हैं। पहली बार बनारस सीट से वर्ष 2009 में बाहुबली मुख्तार अंसारी ने चुनावी ताल ठोकी थी।
बीजेपी के कद्दावर नेता डा.मुरली मनोहर जोशी को मुख्तार अंसारी ने बड़ी चुनौती दी थी। कांटे का संघर्ष देखने को मिला था और 20 हजार से कुछ अधिक वोटों से ही चुनाव जीत पाये थे। इसके बाद वर्ष 2019 में बाहुबली अतीक अहमद नामांकन करने जा रहे हैं। 23 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद पता चलेगा कि किसी प्रत्याशी को जीत मिलती है।
बाहरी प्रत्याशी को मिल जाता है जनता का साथ, बाहुबली नहीं आते रास
बनारस की जनता बाहरी प्रत्याशी को साथ दे देती है लेकिन अभी तक बाहुबलियों का साथ नहीं दिया है। बनारस में भी कई बाहुबली नेता है जो विधानसभा से लेकर एमएलसी चुनाव लड़ते आये हैं लेकिन इन बाहुबलियों ने अभी तक संसदीय चुनाव नहीं लड़ा है।
मुख्तार अंसारी व अतीक अहमद भी स्थानीय नहीं है और क्रमश: गाजीपुर से लेकर प्रयागराज से यहां आंकर चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में इस बार बाहुबली का खाता खुलता है कि नहीं। इस पर सभी की निगाहे लगी हुई है।
बाहुबली अतीक अहमद ने सभी अटकलों को विराम देते हुए सोमवार को अपना वाराणसी संसदीय सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। बाहुबली अतीक अहमद के प्रतिनिधि के रुप में शहनवाज आलम ने नामांकन पत्र दाखिल किया है। शहनवाज का कहना है कि अतीक अहमद को सभी दलों का समर्थन प्राप्त है।
बाहुबली अतीक अहमद ने वाराणसी संसदीय सीट से नामांकन कर राजनीति में खलबली मचा दी है। अतीक अहमद की पत्नी ने पहले ही कहा था कि अखिलेश यादव व मायावती के महागठबंधन व राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की कांग्रेस ने पीएम नरेन्द्र मोदी को वाक ओवर दिया है, ऐसे में वाराणसी सीट से अतीक अहमद चुनाव लड़ कर पीएम नरेन्द्र मोदी को चुनौती देंगे।
इसके बाद सांतवे चरण के लिए १९ मई को होने वाले मतदान के लिए अतीक अहमद ने अंतिम दिन नामंाकन दाखिल कर दिया है। अतीक अहमद के संसदीय चुनाव में उतर से वाराणसी सीट की लड़ाई दिलचस्प हो गयी है।
बीजेपी ने बनारस से पीएम नरेन्द्र मोदी को अपना प्रत्याशी बनाया है जबकि कांग्रेस ने अजय राय को टिकट दिया है। सपा व बसपा गठबंधन से तेज बहादुर यादव व शालिनी यादव में से एक प्रत्याशी चुनाव लड़ सकता है।
पैरोल मिलने पर अतीक अहमद करेंगे वाराणसी में चुनाव प्रचार
बाहुबली अतीक अहमद के प्रतिनिधि शहनवाज ने कहा कि पैरोल मिलने पर अतीक अहमद खुद बनारस आयेंगे और यहां पर चुनाव प्रचार करेंगे। बनारस के मुस्लिम मतदाता हमारे साथ है इसके अतिरिक्त अन्य दल भी हमे समर्थन कर रहे हैं।
अतीक अहमद के चुनाव लडऩे से साफ हो गया है कि सपा व बसपा गठबंधन के साथ कांग्रेस को मुस्लिम मत अपने पाले में रखने में आसानी होगी। यदि मुस्लिम मतों में अतीक के आने से बड़ा बिखराव हो जाता है तो सबसे अधिक फायदा पीएम नरेन्द्र मोदी को होगा।
…………सरफ़राज़ अहमद