Yes Bank संकट के बाद वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि Bank के ग्राहकों का पैसा पूरी तरह सुरक्षित है, म्युचुअल फंड एवं Yes Bank के शेयर खरीदने वाले निवेशकों को मायूसी हाथ लग सकती है। विशेषज्ञों ने बताया कि म्युचुअल फंड कंपनियां आम निवेशकों की रकम अमूमन बैंकों के पर्पेचुअल बांड्स में निवेश करती है। पर्पेचुअल बांड्स की कोई परिपक्वता अवधि नहीं होती है।
इसलिए उसे कर्ज नहीं, इक्विटी के रूप में लिया जाता है। नियम के Bank के विफल होने पर इस पर्पेचुअल बांड्स का मूल्य शून्य हो जाता है। वित्तीय बाजार के अनुमान के म्युचुअल फंड कंपनियां Yes Bank से 2,700 करोड़ रुपये के पर्पेचुअल बांड खरीद रखे थे। अब इन बांड्स का मूल्य शून्य हो जाएगा। ऐसे में, कंपनियां Yes Bank के पर्पेचुअल बांड्स या शेयर खरीदने वाले म्युचुअल फंड्स निवेशकों को घाटा होगा।
एसआरई लिमिटेड के चीफ फाइनेंशियल प्लानर कीर्तन शाह ने बताया कि वर्तमान स्थिति में अगर किसी निवेशक को पैसा चाहिए तो उसे तुरंत निकाल लेना चाहिए क्योंकि हाल-फिलहाल में अच्छे रिटर्न की उम्मीद नहीं है। महिंद्रा म्युचुअल फंड के सीईओ आशुतोष बिश्नोई थोड़ी उम्मीद जताते हुए कहते हैं, ‘Bank की रिस्ट्रक्चरिंग के बाद नए बोर्ड से पर्पेचुअल बांड को लेकर बात की जा सकती है ।
और कोई हल निकाला जा सकता है, परंतु नियम के उस बांड का अब कोई वैल्यू नहीं रह गया है।’ उन्होंने बताया कि महिंद्रा म्युचुअल फंड ने Yes Bank के खतरे को भांपते हुए पिछले एक साल के दौरान Yes Bank के पर्पेचुअल बांड्स से अपनी सारी रकम निकाल ली।