सांसद और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने इंदौर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। भाजपा पार्टी को यह संदेश उन्होंने एक पत्र लिखकर दिया है।
अभी पार्टी ने इंदौर सीट से किसी भी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। सुमित्रा महाजन ने कहा कि मैने यह फैसला पार्टी के लोगों पर छोड़ दिया है। लेकिन शायद वो भी अभी असमंजस में है। इसलिए मैं चुनाव नहीं लड़ूगी। अब पार्टी अपना निर्णय मुक्त होकर और नि:संकोच मन से करे। इंदौर के लोगों ने अभी तक मुझे जो प्रेम दिया और भाजपा के कार्यकर्ताओं की मैं दिल से आभारी हूं।
मैंने पार्टी को किया चिंतामुक्त
ताई ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि केंद्र निर्णय लेने में संकोच कर रहा था। मैं 75 साल के क्राइट एरिया में आ गई हूं। जल्दी से जल्दी निर्णय हो जाए इसके लिए मैंने यह निर्णय लिया है। मैंने पार्टी को अपनी चिंता से मुक्त किया है। चुनाव में बहुत कम समय बचा है और इसके लिए हमें जी जान लगाकर तैयारी करना है।
पत्र सामने आते ही इंदौर की सियासत में हड़कंप मच गया है। इसके बाद भाजपा के बड़े नेता उनके घर पहुंच गए। लोकसभा चुनाव संयोजक रमेश मेंदोला, प्रदेश उपाध्यक्ष सुरदर्शन गुप्ता, महापौर मालिनी गौड़ भी उनके घर पहुंचे और बंद कमरे में ताई से चर्चा की। इस दौरान ताई ने अपना पत्र वहां मौजूद सभी नेताओं को दे दिया।
आठ बार से जीत रही थीं चुनाव
सुमित्रा महाजन लगातार आठ बार से यह चुनाव जीत रहीं हैं। उन्होंने कांग्रेसी दिग्गज प्रकाशचंद्र सेठी को परास्त कर यह सीट भाजपा की झोली में डाली थी। सुमित्रा महाजन नौंवी बार भी चुनाव लड़ने के मूड में थी।
पिछले महीने उन्होंने यह कहकर अपनी मंशा साफ कर दी थी कि इंदौर की चाबी अभी मैं ही संभालूंगी। हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव के वक्त सुमित्रा ताई ने संकेत दिए थे कि 2014 का चुनाव उनका आखिरी चुनाव होगा।