काग्रेंस कार्यकर्ता ने बुलंद आवाज में कहा कि प्रियंका गांधी इस लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से मैदान में उतरें। कांग्रेस के भीतर प्रियंका गांधी वाड्रा को लोकसभा चुनाव लड़ाने की मांग तेजी से बढ़ती जा रही है।
बहरहाल प्रियंका चुनाव लड़ेंगी या नहीं, इसपर अंतिम निर्णय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और खुद प्रियंका गांधी ही लेंगी। उत्तर प्रदेश के पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का तर्क है कि इस कदम से देश भर में कांग्रेस की चुनावी संभावनाएं बढ़ेंगी।
यूपी कांग्रेस के पूर्व विधायक नेता प्रदीप माथुर ने कहा कि कांग्रेस से जुड़े सभी लोगों लिए यह महत्वपूर्ण है कि प्रियंका जी चुनावी राजनीति में आएं। उन्हें राज्य की किसी भी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए।
उन्होंने कहा, “यह कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के मनोबल को बढ़ावा देगा और जनता को भी, जो उन्हें दिवंगत प्रधान मंत्री के साथ उनकी समानता के कारण अगले इंदिरा गांधी के रूप में देखते हैं।”
यूपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वाराणसी से लोकसभा के पूर्व सदस्य राजेश मिश्रा ने भी इस बारे में अपने विचारों को मजबूती से रखा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यूपी के हर नुक्कड़ पर अपनी सेवाओं की आवश्यकता है। अगर प्रियंका चुनाव लड़ती हैं, तो पार्टी को बहुत फायदा होगा और इसका पूरे यूपी में महत्वपूर्ण असर होगा।
कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि प्रियंका गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से या इलाहाबाद से चुनाव लड़ सकती हैं। दोनों निर्वाचन क्षेत्र धर्म निहित है। अगर वह दोनों में से किसी एक सीट से चुनाव लड़ने का फैसला करती हैं, तो इसका पार्टी के चुनावों में होने वाली संभावनाओं पर भारी और सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
भाजपा ने पहले ही यूपी के मंत्री और पूर्व कांग्रेस नेता, रीता बहुगुणा जोशी को इलाहाबाद से मैदान में उतार चुकी है। अधिकारी ने कहा कि एकमात्र बाधा यह थी कि क्या कांग्रेस आलाकमान गांधी परिवार के तीन सदस्यों को चुनाव लड़ाने के लिए सहमत होगा।
राजेश मिश्रा ने कहा कि भले ही प्रियंका गांधी ने चुनाव न लड़ने का फैसला किया हो, लेकिन देश भर में पार्टी के उम्मीदवारों के लिए उनके प्रचार अभियान से केंद्र में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस का यह ठोस कदम है।