अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता में गतिरोध के बाद उत्तर कोरिया अपने पुराने ढर्रे पर लौटता दिख रहा है। उसने एक हफ्ते के अंदर दूसरी बार मिसाइलें दागी हैं। उसकी इन हरकतों को अमेरिका पर दबाव बढ़ाने के तौर पर देखा जा रहा है।
उत्तर कोरिया गत फरवरी में अपने नेता किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शिखर वार्ता विफल होने के बाद से ही यह दबाव बना रहा है। ट्रंप और किम के बीच यह वार्ता वियतनाम में हुई थी। प्रतिबंधों को हटाने की उत्तर कोरिया की मांग पर वार्ता बेनतीजा खत्म हो गई थी।
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने गुरुवार को कहा, ‘उत्तर कोरिया ने अपने सिनो-री शहर के पास से कम दूरी की दो मिसाइलें पूर्व की ओर दागीं। ये मिसाइलें 270 और 420 किमी दूर तक गई। दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी सेनाएं संयुक्त रूप से इनका विश्लेषण कर रही हैं।’
किम की निगरानी में उत्तर कोरिया ने गत शनिवार को भी कम दूरी की कई मिसाइलें और रॉकेट दागे थे। इससे कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव पैदा हो गया था। उत्तर कोरिया ने बुधवार को अमेरिका और दक्षिण कोरिया की निंदा करते हुए कहा था कि पिछले हफ्ते किया गया परीक्षण आत्मरक्षा के लिए था।
उत्तर कोरिया ने पिछले साल शांति की राह पर आने से पहले कई मिसाइल और परमाणु परीक्षण किए थे। तब उसने जापान सागर में कई बार मिसाइलें भी दागी थीं।
उत्तर कोरिया ने पिछले साल एक भी मिसाइल या परमाणु परीक्षण नहीं किया था। उसने अंतिम बार मिसाइल परीक्षण नवंबर, 2017 में किया था। गत जून में ट्रंप और किम की पहली ऐतिहासिक शिखर वार्ता सिंगापुर में हुई थी। लेकिन, ट्रंप के साथ दूसरी शिखर वार्ता विफल होने के बाद उत्तर कोरिया ने गत 18 अप्रैल को एक नए गाइडेड हथियार का परीक्षण किया था।