रूस और पाकिस्तान ने अंतरिक्ष में हथियारों की दौड़ शुरू होने पर चिंता जताई है। इस क्षेत्र को सैन्य टकराव से बचाए रखने की जरूरत है। दोनों देशों का यह बयान भारत के उपग्रह को मार गिराने वाले मिसाइल के सफल परीक्षण के करीब दो महीने बाद आया है। Pakistan का उद्देश्य भारतीय उपलब्धि की आलोचना है।
Pakistan के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर अंतरिक्ष में हथियारों की तैनाती पर विचार रखे हैं। यह बयान शंघाई सहयोग संगठन परिषद की विदेश मंत्री स्तर की बैठक से इतर आया है। दोनों नेता किर्गिस्तान के बिश्केक शहर में हो रही एससीओ बैठक में भाग लेने के लिए आए हुए हैं।
संयुक्त बयान में कहा गया है कि बाहरी अंतरिक्ष में अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन होना चाहिए और इसमें सभी देशों की भलाई का ध्यान रखा जाना चाहिए। इस क्षेत्र का इस्तेमाल विज्ञान, तकनीक और आर्थिक विकास के लिए होना चाहिए। बाद में पाकिस्तानी विदेश विभाग ने बयान जारी कर दोनों देशों के अंतरिक्ष में हथियारों की दौड़ शुरू होने पर चिंता का जिक्र किया।
पाकिस्तान और रूस के अंतरराष्ट्रीय मंचों पर साथ होने का दावा भी किया। पाकिस्तान और रूस बाहरी अंतरिक्ष में पूरी तरह से संयम बरते जाने के पक्षधर हैं। हम मिलकर इस विचारधारा को विकसित करने का कार्य करेंगे। रूस अंतरिक्ष में उपग्रहों को मार गिराने वाले मिसाइल को काफी पहले विकसित कर चुका है। लेकिन अब रणनीतिक कारणों से वह पाकिस्तान का साथ दे रहा है।