उत्तर-मध्य रेलवे का स्टेशन इटावा एक बार फिर काफी चर्चा में है। Mahatma Gandhi जैसा पहनावे के आधार पर बुजुर्ग को ट्रेन से उतारने के मामले में फजीहत के बाद एक बार फिर यहां Railway की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है।
छुट्टी का फार्म लेने के लिए मरीज के खुद कार्यालय आने की अनिवार्यता से Railway की फजीहत हो रही है। इस नियम के चलते Hospital में भर्ती महिला कर्मचारी को छुट्टी का फार्म लेने के लिए हाथ में ड्रिप लगे होने के बावजूद Central Station आना पड़ा। इसकी चर्चा के बाद मची खलबली के बीच स्टेशन डायरेक्टर ने शुक्रवार को महिला कर्मचारी के घर जाकर उनका बयान लिया।
इटावा में आरक्षण केंद्र में बतौर Clerk तैनात सुष्मिता दास की सोमवार को कार्यालय में डिहाईड्रेशन से तबीयत खराब हो गई। उन्हें Loco Hospital में भर्ती किया गया। उनको मंगलवार के अवकाश के लिए G-92 फार्म की जरूरत थी। उन्होंने अपने TTE पति चंचल को कहा।
चंचल ने सहकर्मी TTE संजय बिष्ट व संदीप मैसी को फार्म लेने भेजा। आरोप है कि Chief Reservation Supervisor गोपाल उमराव स्टेशन डायरेक्टर कार्यालय गए थे। वहां मौजूद दूसरे CRS भवानी प्रसाद ने उन्हें फार्म नहीं दिया और बीमार को स्वयं आने के लिए कहा। ऐसे में सुष्मिता को हाथों में ड्रिप लगी होने के बावजूद खुद आना पड़ा।