जानिए क्यों हाईकोर्ट ने अपनाया कड़ा रुख

जबरन देह व्यापार में धकेली गई नाबालिग को अवैध तरीके से महिला थाने में कई दिन तक हिरासत में रखने और फिर मनमाने तरीके से महिला संरश्रण गृह भेजने के एक मामले में High Court की Lucknow खंडपीठ ने कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने आदेश दिए हैं कि पीड़िता को 30 जून से 17 अगस्त तक अवैध हिरासत में रखने पर उसे 3 हजार रुपये रोजाना के हिसाब से हर्जाना दें।

High Court ने प्रमुख सचिव गृह को आदेश दिए हैं कि वे 15 दिन में यह राशि Court में जमा करा दें जहां से इसे पीड़िता के खाते में भेजा जाएगा। न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन व न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जौहरी की खंडपीठ ने यह आदेश पीड़िता की मां की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया।

याचिका में कहा गया है कि पीड़िता को उसके पिता ने 2 वर्ष पूर्व जिया नाम की एक महिला के हाथ बेच दिया था। यह महिला उसे Mumbai ले गई जहां उससे जबरन वेश्यृत्ति कराई। पीड़िता को Delhi, Haryana व Chandigarh भी ले जाया गया। बाद में इस महिला ने पीड़िता को सरफराज व मुस्कान के हाथ बेच दिया। इन लोगों ने भी उससे वेश्यावृत्ति कराई। किसी तरह इनके चंगुल से छूट कर भागी पीड़िता को सिहोरा भवन भारवी की परगनाधिकारी ने शरण दी और उसे Lucknow भेजने में सहायता की।

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