उर्सला में दवाओं की किल्लत के कारण मरीज परेशान

उर्सला समेत सभी सरकारी अस्पतालों में जरूरी दवाओं की किल्लत है। इमरजेंसी में दमा अटैक, हार्ट अटैक, गुर्दा फेल्योर, दर्द से राहत की दवाएं यहां तक उल्टी-दस्त की दवाएं नहीं है। अस्पतालों में यह संकट काफी दिनों से है। डॉक्टर मरीजों को इलाज की जरूरतों के हिसाब से दवाएं नहीं दे पा रहे। अस्पताल प्रशासन ने कारपोरेशन से दवाओं की सप्लाई करने को रिमाइंडर भेजा है।

अस्पतालों में उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड दवाओं की सप्लाई करता है। अब अस्पतालों से दवाओं की खरीद नहीं होती है। अस्पताल कारपोरेशन से दवाओं के आर्डर देते हैं, उस हिसाब से आपूर्ति होती है। मगर कुछ महीनों से सप्लाई सिस्टम लड़खड़ाया है।

कुछ दवाएं तो बिल्कुल नहीं आ रही हैं मसलन सांस की दवा डेरीफाइलिन, डेक्सामेथासोन, उल्टी दस्त की दवा मेट्रोजिल टेबलेट और इंजेक्शन, इस ग्रुप की अन्य दवाएं जैसे ओरिंडाजोल, दर्द निवारक डाइक्लोफिनेक, दर्द निवारक मलहम, इसके साथ कई एंटीबायोटिक, हाई ब्लड प्रेशर व स्किन सम्बंधी रोगों की दवाएं शामिल हैं। उर्सला अस्पताल में सेंट्रल स्टोर के अधिकारियों के मुताबिक दवाएं डिमांड के हिसाब से नहीं आ रही हैं। अगर डिमांड पांच लाख टेबलेट की हर सप्ताह है तो उसकी सप्लाई 50 हजार टेबलेट के हिसाब से भी नहीं मिल रही है। छह महीने में एक एंटीबायोटिक महज डेढ़ लाख टेबलेट ही मिल पाया है जिसकी खपत 50 हजार टेबलेट प्रति सप्ताह है।

ऐसे में सभी मरीजों को कैसे दवाएं उपलब्ध कराई जा सकती हैं? जब से कारपोरेशन बना है तब से कई ऐसी दवाओं की सप्लाई नहीं हुई जिसकी खपत अस्पताल में अधिक होती है। उर्सला के सीएमएस डॉ. शैलेन्द्र तिवारी का कहना है कि भर्ती होने वाले मरीज आमतौर पर गम्भीर होते हैं और उन्हें कभी-कभी एक ही समूह की कई दवाएं अदल बदल कर देनी होती हैं। मगर दवाओं के विकल्प अस्पताल में कम हैं। जिस दवा के 25-30 साल्ट उपलब्ध हैं उसकी सप्लाई सिर्फ दो तीन साल्ट की है। दवाओं को उपलब्ध कराने के लिए कारपोरेशन को बराबर पत्र भेजा जाता है।

उधर, कमोवेश यही स्थित अन्य जिला अस्पतालों, सामदुायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की है।पांच साल इस्तेमाल करने भर की भेज दी बेहोशी की दवाकारपोरेशन उन दवाओं को अधिक मात्रा में भेज रहा है जिनकी खपत नाममात्र है। मसलन बेहोशी की दवाओं का इतना स्टाक भेज दिया है कि उसका इस्तेमाल पांच साल तक हो सकता है। खास बात यह भी है कि बगैर आर्डर के बेमतलब वाली दवाएं भेजी जा रही हैं।सर्जिकल दस्ताने, ड्रिप सेट आदि की एक बार भी सप्लाई नहींकारपोरेशन ने उर्सला अस्पताल में इस्तेमाल होने वाले ड्रिप सेट, ब्लड सेट, दस्ताने, मॉस्क, वीगो आदि की सप्लाई नहीं की।

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