मनरेगा में खेल, मजदूरो की बजाय ठेकेदारों से करा रहे काम

तमकुही राज विकास खण्ड का ताजा मामला, सरकारी धन का सचिव,ग्राम प्रधान, रोजगार सेवक बंदरबांट कर रहे हैं। ग्राम लक्ष्मीपुर बुजुर्ग में नियमों को ताख पे रखकर मनरेगा का कार्य किया जा रहा है। ग्राम प्रधान से लेकर रोजगार सेवक और सचिव भी इसमे शामिल हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना को पलीता लगा रहे है ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक मनरेगा मजदूरों की जगह ठेकेदारो से करा रहे है मजदूरी गरीबो के निवाले को छीन रहे हैं।

इस ग्राम सभा के जिम्मेदार ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारन्टी योजना कार्यक्रम है जो गरीबों की जिंदगी से सीधे तौर पर जुड़ा है जिसके तहत अभूतपूर्व तौर पर रोजगार की गारंटी दी जाती है। इसका मकसद है ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढाना। इसके तहत हर घर के एक वयस्क सदस्य को एक वित्त वर्ष में कम से कम 100 दिनों का रोजगार दिए जाने की गारंटी है।

इसमे अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि वे रोजगार प्रदान करने में कोताही न बरतें लेकिन इस लक्ष्मी पुर बुजुर्ग में इन नियमों को अनदेखी कर धड़ल्ले से कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा इस बात पर भी जोर दिया जाता है कि रोजगार शारीरिक श्रम आधारित हो जिसमें ठेकेदारों और मशीनों का कोई दखल हो।

अधिनियम में महिलाओं की 33 प्रतिशत श्रम भागीदारी को भी सुनिश्चित किया गया है लेकिन यहां पर ऐसा कुछ भी देखने को नही मिल रहा है। अब देखना ये हैं कि इस जिले के अधिकारी इस मामले पे कार्यवाही कब तक करते हैं।

रिपोर्टर: हरेन्द्र पाण्डेय, बीपी पाण्डेय

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