रेल मंडल में एक साल में 8 लाख रुपये चूहे, खटमल और काकरोच मारने में खर्च हो गए। इसके बाद भी ट्रेन के कोच से इनकी संख्या में कमी नहीं आई है। मंडल रेल प्रशासन को तो इस बात की भी जानकारी नहीं है कि कितने स्टेशन पर चूहे हैं।
सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मुरादाबाद रेल मंडल प्रशासन से वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19 में ट्रेन के कोच में खटमल, चूहे, काकरोच, सांप होने की कितनी शिकायत मिलीं, मंडल के कितने स्टेशनों पर चूहे हैं, इनको मारने पर हर साल कितने रुपये खर्च किए जाते हैं, सवाल पूछे गए थे। इसके अलावा रेल मंडल में कितने ट्रेनें चलती हैं, बेडरोल की धुलाई कहां होती है, इसकी भी जानकारी मांगी गई थी। इसका रेल मंडल के यांत्रिक, परिचालन, वाणिज्य विभाग ने जवाब दिया है।
यांत्रिक विभाग ने जवाब दिया है कि खटमल, काकरोच व चूहे मारने में कीमत बढऩे से खर्च बढ़ता रहता है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में 8 लाख 14 हजार 739 रुपये खर्च किए गए। इसी तरह 2017-18 में 6 लाख 83 हजार 340 रुपये और 2016-17 में 5 लाख 44 हजार 370 रुपये खर्च किए गए हैं। वाणिज्य विभाग ने बताया कि मुरादाबाद रेल मंडल के कितने स्टेशनों पर चूहे हैं, इसकी जानकारी नहीं हैं। यात्रियों की शिकायत पर चूहे होने की जानकारी होगी।