आज के दिन गांधी जी ने कानपुर में छोड़ा कांग्रेस का अध्यक्ष पद

नई दिल्ली

आज से 95 साल पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कानपुर की धरती पर ही कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ा था। उन्होंने सरोजनी नायडू को यह पद सौंपा था। उसके बाद कानपुर में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन सरोजनी नायडू की अध्यक्षता में ही हुआ था।

कर्नाटक के बेलगाम में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए महात्मा गांधी कानपुर में 23 दिसंबर 1925 को राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में ही कानपुर आए थे। 24 दिसंबर से यहां पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू होना था।

अधिवेशन के पहले दिन 24 दिसंबर को उन्होंने अध्यक्ष पद सरोजनी नायड़ू को सौंप दिया। यह अधिवेशन 24 से 26 दिसंबर तक चला। 24 दिसंबर को ही गांधी जी ने स्वदेशी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उस प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा था कि वह इसे एक पुण्य कार्य मानते हैं।

उस सप्ताह अधिवेशन में 30 सम्मेलन होने थे और सरोजनी नायडू ने उन्हें इन सभाओं का सभापति पदग्रहण करने के लिए भी कहा था लेकिन महात्मा गांधी ने यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि वह खुद को केवल स्वदेशी की प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के योग्य ही मानते हैं।

महात्मा गांधी ने इस स्वदेशी प्रदर्शनी की अनुमति उसी स्थिति में दी थी जब उन्होंने साफ कर दिया था कि इस प्रदर्शनी में कोई विदेशी वस्तु नहीं होगी।

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