नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर मामले में फैसले के खिलाफ कर दिया है। कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष तक की उम्र की महिलाओं को जाने की इजाजत दी थी।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पुनर्विचार याचिका पर नियमित प्रक्रिया के तहत ओपन कोर्ट मे नहीं बल्कि चैंबर में सुनवाई होगी, जहां न कोई पक्षकार होगा और न वकील होंगे। इससे पहले याचिकाकर्ता संगठन के वकील ने कहा कि संविधान पीठ का फैसला तार्किक नहीं है। लिहाजा कोर्ट को फैसले के मद्देनजर 16 अक्टूबर से सबरीमाला मंदिर के द्वार सभी लोगों के लिए खोल दिए जाएंगे।