साइबर क्राइम के जरिए बैंको और एटीएमो से पैसा चोरी करने वालो पर लगाम लगाने की तैयारी वैज्ञानिकों ने शुरु कर दी हैं। यह सब कुछ क्रिप्टोलॉजी के जरिए संभव होगा। इसके जरिए दुनिया भर के साइबर वैज्ञानिक ऐसी तकनीक ईजाद कर रहे हैं, इससे साइबर क्राइम के दौरान ऑटोमेटिक सॉफ्टवेयर तैयार हो जाएगा और क्रिमिनल के टेक्नॉलाजी पर पानी फेर देगा।
यह सॉफ्टवेयर न केवल वायरस को ऑटोमेटिक डिडेक्ट कर लेगा बल्कि उसे खत्म भी कर सकेगा। यह जानकारी रविवार को नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर से आए साइबर वैज्ञानिक प्रो. अभिक राय चौंधरी ने दी। वह यहां आईआईटी कानपुर में इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ क्रिप्टोलॉजी रिसर्च और सोसाईटी ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि डिजिटलाइज्ड लेनदेन और ऑनलाइन डाटा ने साइबर क्राइम को कई गुना बढ़ा दिया हैं। अब अपराधिक घटनाएं भी ऑनलाइन हो रही हैं। हैंकर बिना हथियार के करोड़ों रुपये लूट लेता हैं तो सरकारों को भी तकनीकी और आर्थिक रुप से नुकसान पहुंचाता हैं। एक वायरस के जरिए पूरा डाटा हैंक कर लेता हैं।