राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद गुट ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए 21 और 22 फरवरी को हड़ताल की घोषणा की है। कर्मचारियों की मांगो की तरफ मुख्यमंत्री का ध्यान की अपील है कि कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के लिए हस्तक्षेप करें। जिससे अनावश्यक तनाव और सरकार व कर्मचारियों में टकराव न हो। बैठक के माध्यम से मुख्यमंत्री का ध्यान इस बात की तरफ भी दिलाया गया कि उनके संगठन ने पिछले वर्ष 11 व 12 नंवबर को भी हड़ताल की चेतावना दी थी।
9 नंवबर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 18 सूत्रीय मांगो पर समयबद्ध आदेश जारी करने पर सहमति बनने के बाद हड़ताल वापस ले ली गई थी। पर अभी तक आदेश नहीं हुए। संगठन के महामंत्री अतुल मिश्र ने बताया कि 9 नवंबर को मुख्यसचिव के साथ बैठक में तय हुआ था कि कैशलेस इलाज की सुविधा का आदे एक महीने में जारी हो जाएगा। यह आदेश जारी तो नहीं हुआ। उल्टे न्यायालय के एक निर्णय का सहारा लेकर इलाज के बाद मिलने वारी प्रतिपूर्ति पर भी रोक लगा दी गई। इसके अलावा वेतन विसंगति की रिपोर्ट साल भर से वित्त विभाग में लागू होने का इंतजार कर रही है।