सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला किया है कि मुस्लिम पुरुष और हिन्दू महिला से पैदा बच्चा पिता की संपत्ति का हिस्सेदार होगा।
जस्टिस एनवी रमण और एमएम शांतनागौडर ने फैसले में यह व्यवस्था देते हुए कहा कि मुस्लिम व्यक्ति की शादी मूर्तिपूजक या अग्निपूजक से होना न तो वैध है और न ही अवैध है, बल्कि यह अनियमित शादी है। इस विवाह से पैदा बच्चा पिता की संपत्ति का हकदार होगा। सिर्फ बातिल विवाह से पैदा संतान ही अवैध मानी जाएगी।
मामला तब शुरू हुआ जब इस शादी से पैदा बच्चे शमसुदीन ने पिता की मृत्यु होने के बाद पारिवारिक संपत्ति में हिस्सा मांगा। अन्य परिजनों ने उसे गैर बताया और कहा कि वह हिंदू महिला से हुई शादी से पैदा हुआ है जो बातिल विवाह है।