सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को नौकरी व शिक्षण संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण देने कि खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है। नई याचिका तहसीन पूनावाला की ओर से दायर की गई है। इससे पहले एक एनजीओ ने भी इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
तहसीन याचिका में कहा था कि सिर्फ आर्थिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता। याचिका में संविधान अधिनियम, 2019 की वैधता को चुनौती दी है, जिसे संसद के दोनों सदनों ने बतौर 124वें संविधान संशोधन विधेयक,2019 के तौर पर पारित किया गया था। कहा गया कि यह निर्णय इंदिरा साहनी मामले में सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय संविधान पीठ के फैसले के खिलाफ है।