नहीं जानते होंगे सौंफ के चमत्कारिक प्रयोग एवं होने वाले प्रभाव के बारे में…….

सौंफ में पाए जाने वाले पोषक तत्‍व जैसे कि कॉपर, पोटेशियम, कैल्शियम, जिंक, मैंगनीज, विटामिन सी, आयरन, सेलेनियम और मैग्‍नीशियम जैसे खनिजों की अच्‍छी मात्रा होती है। जो कि मुंह को साफ रखने से कहीं अधिक आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अच्‍छे होते हैं। इनके अलावा भी सौंफ में फाइबर, फॉस्‍फोरस, फोलेट, पेंटोथेनिक एसिड आयरन और नियासिन आदि भी मौजूद रहते हैं। आइए जाने इतने पोषक तत्‍वों की उपस्थिति के कारण सौंफ के फायदे हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए किस प्रकार हैं।

1. पेट की बीमारियों के लिए यह बहुत प्रभावी दवा है जैसे मरोड़, दर्द और गैस्ट्रिक डिस्ऑर्डर के लिए।

2. सौंफ आपकी याददाश्त बढ़ाती है।

3. सौंफ का नियमित सेवन दृष्टि को तेज करता है। 5-6 ग्राम सौंफ रोज लेने से लीवर और आंखों की ज्योति ठीक रहती है।

4. सिंकी हुई सौंफ मिश्री के साथ खाने से आवाज तो मधुर होती ही है यह खांसी भी भगाती है।

5. अगर आप चाहते हैं कि आपका कोलेस्ट्रॉल स्तर न बढ़े तो खाने के लगभग 30 मिनट बाद एक चम्मच सौंफ खा लें। सौंफ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रण में रखती है।

6. सूखी, रोस्टेड और कच्ची सौंफ को बराबर मात्रा में मिला लें। इसे खाने के बाद खाएं। इससे पाचन क्रिया बेहतर रहेगी और आप हल्का महसूस करेंगे।

7. अगर आप एक चम्मच सौंफ 2 कप पानी में उबाल लें और इस मिश्रण को दिन में दो-तीन बार लें तो आपकी आंतें अच्छा महसूस करेंगी और खांसी भी लापता हो जाएगी।

8. सौंफ की पत्तियों में खांसी संबंधी परेशानियां जैसे दमा व ब्रोन्काइटिस को दूर रखने की भी क्षमता होती है।

9. सौंफ को अंजीर के साथ खाएं और खांसी व ब्रोन्काइटिस को दूर भगाएं। कफ और खांसी के इलाज के लिए सौंफ खाना उपयोगी है।

10. मासिक चक्र को नियमित बनाने के लिए सौंफ खाएं।

11. अपच संबंधी विकारों में सौंफ बेहद उपयोगी है। बिना तेल के तवे पर सिंकी हुई सौंफ और बिना सिंकी सौंफ को मिलाकर लेने से अपच के मामले में बहुत लाभ होता है।

12. दो कप पानी में उबली हुई एक चम्मच सौंफ को दो या तीन बार लेने से अपच और कफ की समस्या समाप्त होती है।

13. अस्थमा के उपचार में सौंफ कमाल की सहायक है।

14. गुड़ के साथ सौंफ खाने से मासिक धर्म नियमित होता है।

15. यह शिशुओं के पेट और उनके पेट के अफारे को दूर करने में बहुत उपयोगी है।

16. एक चम्मच सौंफ को एक कप पानी में उबलने दें और 20 मिनट तक इसे ठंडा होने दें। इससे शिशु के कॉलिक का उपचार होने में मदद मिलती है। शिशु को एक या दो चम्मच से ज्यादा यह घोल नहीं देना चाहिए।

17. सौंफ के पावडर को शकर के साथ बराबर मिलाकर लेने से हाथों और पैरों की जलन दूर होती है। भोजन के बाद 10 ग्राम सौंफ लेनी चाहिए।

18.यदि आप मोटापे के शिकार हैं, और अपना वजन कम करना चाहते हैं तो सौंफ का नियमित सेवन शुरु कर दें। क्‍योंकि सौंफ में वसा को कम करने वाले औषधीय गुण होते हैं जो आपके शरीर में मौजूद अतिरिक्‍त वसा को कम करने में सहायक होते हैं।

फाइबर की अच्‍छी मात्रा होने के कारण यह आपकी पाचन प्रणाली को भी स्‍वस्‍थ्‍य रखता है और आपके चयापचय को उत्‍तेजित करता है। सौंफ के औषधीय लाभों में एक प्रमुख लाभ यह भी है कि यह मूत्रवर्धक का काम करता है। जिस कारण यह आपके शरीर में मौजूद अस्‍थाई वजन को कम करने में सहायक होता है। आप अपना वजन कम करने के लिए सौंफ का नियमित सेवन करें। इसके लिए आप सौंफ को अपनी सुविधानुसार कच्‍चे, चाय बनाकर या भून कर सेवन कर सकते हैं।

19.महिलाओं के लिए गर्भावस्‍था एक संवेदनशील स्थिति होती है। इस दौरान उन्‍हें पर्याप्‍त पोषण और देख-रेख की आवश्‍यकता होती है। गर्भावस्‍था के दौरान मतली या सुबह के समय चक्कर आना एक प्रमुख समस्‍या है। आप इस समस्‍या से बचने के लिए सौंफ के बीजों का उपयोग कर सकते हैं। सौंफ की चाय गर्भावस्‍था के दौरान महिलाओं में सहनशीलता को बढ़ा सकता है। महिलाएं गर्भावस्‍था के दौरान नियमित रूप से सौंफ का सेवन कर अपने स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा दे सकती हैं।

20.इन बीजों में फाइबर और आवश्‍यक तेलों की अच्‍छी मात्रा होती है जो हमारे शरीर से विषाक्‍तता को दूर करने में सहायक होती है। ऐसा माना जाता इन गुणों के कारण सौंफ हमारे रक्‍त में मौजूद विषाक्‍त पदार्थों को दूर कर सकता है और हमारे रक्‍त को शुद्ध कर सकता है। आप अपने खाद्य आहारों में ऐसे खाद्य पदार्थ जो रक्‍त को शुद्ध करने में मदद करते हैं उनमें सौंफ को भी शामिल कर सकते हैं। यह आसानी से उपलब्‍ध होने वाली औषधी है।

Dr Shailesh Yadav
(BAMS, MD)
Ayurvedic Physician & Consultant
Mo:-09721000403
Aayush Nature Cure Medical College & Hospital
www.aayushmh.com

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