चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को चुनावी बांड के इस्तेमाल के विरोध में हलफनामा दाखिल किया। आयोग ने कहा कि चुनाव बांड के इस्तेमाल की इजाजत देने और राजनीति दलों को मिलने वाले चंदे की सीमा हटाने से चुनावी प्रक्रिया में काले धन को बढ़ावा मिल सकता है। इससे राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे की पारदर्शिता भी प्रभावित होंगी।
चुनाव आयोग ने हलफनामे में कहा कि यह पता लगाना मुश्किल है कि राजनीतिक दलों ने चंदा सरकारी कंपनियों से लिया है या विदेशी स्त्रोतों से। आयोग ने 15 मार्च को सरकार को पत्र लिखकर राजनीतिक फंडिग से संबंधित कानूनों में संशोधन करने की गुहार की थी।
आयोग ने कहा कि वित्त अधिनियम, 2017 के जरिए किए गए इस संशोधन से चुनावी प्रक्रिया में काले धन का इस्तेमाल बढ़ेगा। फर्जी कंपनियों से राजनीतिक चंदा देने की छूट थी, जो मुनाफे में चल रही हों और जिनका रिकॉर्ड ठीक रहा हो। हलफनामें में आयोग ने कहा कि इस पुराने प्रावधान को ही वापस लाया जाए।
बता दें कि चुनाव आयोग ने अपना जवाब एडीआर, माकपा सहित कई अन्य की तरफ से दायर याचिकाओं पर दिया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दो अप्रैल को सुनवाई करेगा।