इतिहास के पन्नों में रचा जाएगा आज का दिन….25 साल बाद आज एक मंच पर होगा आमना सामना

कभी राजनीति में एक-दूसरे के धुर विरोधी शुक्रवार को एक ही मंच पर साथ होंगे।  करीब ढाई दशक पहले मुलायम ने कांशीराम के साथ मंच साझा किया था। अब वे मायावती के साथ मंच साझा करेंगे।

दोनों की ये संयुक्त रैली आज नगर के क्रिश्चियन मैदान में होगी। लोकसभा चुनाव में इस रैली के कई मायने निकाले जा रहे हैं। अखिलेश यादव, सतीश मिश्रा समेत दोनों दलों के अन्य नेता भी एक साथ मंच पर होंगे। उधर गठबंधन में शामिल रालोद के मुखिया अजित सिंह भी इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बनेंगे। रैली में करीब 2 लाख लोगों को इकट्ठा करने का दावा किया जा रहा है। इसके लिए व्यवस्थाएं भी बनाई गई हैं। प्रशासन ने भी पूरी तरह इंतजाम कर लिए हैं। ट्रैफिक प्लान जारी कर दिया गया है।

साझा रैली के लिए मुलायम कुछ अनमने से थे। उन्होंने 1 अप्रैल को अपने नामांकन के दिन पत्रकारों के इस प्रश्न पर कि 19 अप्रैल की रैली के बारे में क्या कहना है, कहा था कि वो दिन अभी दूर है, देखेंगे। इसके बाद भी गाहे-बगाहे उनके अखिलेश के गठबंधन संबंधी निर्णय विरोधी बयान आते रहे।

मैनपुरी सीट मुलायम का गढ़ माना जाता रहा है। इस बार मुलायम यहां से समाजवादी पार्टी के गठबंधन प्रत्याशी हैं और कभी विरोधी रहीं मायावती उनके लिए प्रचार करती नजर आएंगी। राजनीतिक विश्लेषक इसके कई निहितार्थ निकाल रहे हैं। अब ये तो रैली के बाद पता चलेगा कि असली निहितार्थ क्या हैं।

रैली में भाग लेने के लिए सपा प्रत्याशी मुलायम सिंह यादव मंगलवार की शाम सैफई स्थित आवास पर पहुंच गए थे। वहीं मायावती के भी हेलीकॉप्टर से रैली स्थल पर आने की बात कही जा रही है। उधर रैली की तैयारियों को गठबंधन के नेताओं ने देर रात तक अंतिम रूप दिया। सांसद तेजप्रताप यादव ने पार्टी कार्यालय और रैली स्थल पर जाकर तैयारियों को देखा और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी रैली स्थल पर सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया।

गठबंधन की रैली में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीशचंद्र मिश्रा, रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित सिंह, सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के अलावा पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी मंच पर साथ होंगे।

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