गाजियाबाद विकास प्रधिकरण की तर्ज पर केडीए ने भी शहर के पहले सिटी फॉरेस्ट को विकसित करने की तैयारी शुरु कर दी गई है। शताब्दी नगर पनकी के पास स्थित मकसूदाबाद में करीब 100 एकड़ ज़मीन पर फॉरेस्ट का विकाल होगा ईको टूरिज के लिहाज से विकसित किए जाने वाले फॉरेस्ट के लिए कई संस्थानो और विशेषज्ञों की सलह ली जाएगी। फॉरेस्ट में हरियाली छोटी सी झील सरीखी वॉटर बॉडी के साथ ही पक्षी विहार किड्स जोन आदि विकसित किए जाएंगे। मंगलवार को इस संबंध में केडीए अधिकारियों ने बैठक भी की।
प्रदूषण के बढ़ते ग्राफ को सुधारने के लिए केडीए ने सिटी फॉरेस्ट विकसित करने की योजना तैयार की है। इसमें वृहद पौधरोपण किया जाएगा। फॉरेस्ट में औषधीय महत्व के पेड़-पौधों को स्थान मिलेगा। पर्यावरण को बेहतर बनाने में उपयोगी पीपल, नीम, बरगद, बेल आदि पेड़ों को प्रमुखता से लगाया जाएगा। केडीए अफसरों के मुताबिक सिटी फॉरेस्ट में जंगल के स्वरुप को बरकरार रखा जाएगा। यानी इसमें कहीं भी सीमेंट का उपयोग नही होगा। या किसी भी प्रकार के निर्माण मिट्टी या मौरंग से ही कराए जाएंगे।
गंगा बैराज के किनारे बोट क्लब बनकर तैयार हो गया है। अब यहां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की नौकायन प्रतियोगिताएं कराने की तैयारीयां शुरु हो गई है। आचार संहिता हटने के बाद बोट प्रक्रिया शुरु होगी इसके लिए केडीए ने तकनीकी समिति गठित करने की कार्वाही शुरु कर दी है। केडीए अधिकारी देश भर में संचालित बोट क्लब और नौकायन के खेल से जुड़ी एसोसीएसन का सर्वे कर रहे है। इनके सदस्यों को समिति में शामिल किया जाएगा। केडीए ने 18 करोड़ की लागत से सिचांई विभाग के जरिए यह निर्माण कराया है। क्लब में युवाओं को नौकायन में करियर बनाने की सुविधा मिलेगी। क्लब में आने वाले दर्शकों के बैठने के लिए गंगा तट के किनारे हट बनाई गई है। यहां फूड कोर्ट भी होगा।