मतदान में आयी गिरावट……प्रत्याशियों की बढ़ी धड़कनें

मतदान का बढ़ना या घटने के पीछे कोई न सियासी संकेत छिपा होता है। सोमवार को लोकसभा की 13 सीटों पर पिछले तीन चरणों की तुलना में मतदान में गिरावट के संकेतों का भी आकलन शुरु हो गया है। सभी सियासी दल इसके मायने तलाश रहे है। उन्होंने मतदान के नफे-नुकसान की समीक्षा शुरु कर दी है।

जिन 13 सीटों पर सोमवार को वोट पड़े है,उनमें वर्ष 2014 में भाजपा ने 12 और सपा ने सीट जीती थी। चुनाव आयोग के अनुसार वर्ष 2014 में इन सीटों पर 58.39 फीसदी वोट पड़े थे जबकि इस बार 7 बजे तक मिली जानकारी के मुताबिक 57.58 फीसदी मत पड़े है। यानी 2014 की तुलना में 0.81 फीसदी कम मतदान हुआ है। देर रात तक इस आंकडे में थोड़ा फेरबदल हो सकता है।

यदि लोकसभा चुनाव के पिछले तीन चरणों से तुलना करें तो सोमवार को चौथे चरण में लगभग 4 फीसदी कम मतदान हुआ है। पहले तीन चरणों में 26 सीटों पर कुल 62.50 फीसदी मतदान हुआ था। यानी पश्चिमी यूपी में पहले तीन चरणों की तुलना में चौथे चरण में सोमवार को मतदाताओं के उत्साह में कमी दिखाई पड़ रही है।सभी राजनीतिक दल मतदान के रुझान को अपने अनुकुल बता रहे हैं लेकिन वे इससे होने वाले नुकसान या फायदे की समीक्षा में जुट गए थे। इसके लिए बूथ स्तर के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं।

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