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सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से खुश हुए हजारों युवा

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सुप्रीम कोर्ट ने स्टाफ सेलेक्शन कमिटी को 2017 के एसएससी परीक्षा परिणाम घोषित करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से एसएससी 2017 की परीक्षा में शामिल हुए हजारों छात्रों को फायदा होगा। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि परीक्षा के रिजल्‍ट में पास हुए लोगों को नौकरी दी जा सकती है।

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कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि नौकरी का बने रहना मामले के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगा। इसके साथ ही भविष्य में ऐसी प्रतियोगिता परीक्षाओं को सुरक्षित बनाने के उपाय सुझाने के लिए पूर्व न्‍यायाधीश जीएस सिंघवी के नेतृत्व में हाई पावर कमिटी का गठन करने के निर्देश दिए गए हैं।

साल 2017-18 के दौरान आठ हजार पदों के लिए देश के 31 लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए थे। टीयर-1 परीक्षा के माध्‍यम से लगभग 1.90 लाख परीक्षार्थी टीयर-2 परीक्षा के लिए चुने गए थे।

आरोप था कि छात्र जब परीक्षा देकर बाहर आए तो पता चला कि सोशल मीडिया पर ये पर्चा पहले से ही मौजूद था। सोशल मीडिया पर पेपर के स्‍क्रीन शॉट वायरल हो रहा था। पेपर लीक का पता चलने के बाद छात्रों का दिल्‍ली सहित देशभर में प्रदर्शन हुआ था। इसके बाद एसएससी ने सरकार को सीबीआइ जांच की सिफारिश करते हुए जांच तक रिजल्‍ट पर रोक लगा दी थी।

एसएससी की अगस्त, 2017 और फरवरी, 2018 में ऑनलाइन हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक हो गए थे। इस मामले में सीबीआइ ने एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू की थी। इसके तहत दिल्ली, नोएडा, शिमला, जयपुर, मुंबई, चेन्नई साथ बिहार के पटना, पूर्णिया व जहानाबाद आदि शहरों में भी छापेमारी की गयी। परिणाम पर रोक लगाए जाने के बाद छात्रों ने प्रदर्शन किया।

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छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ जांच कराई थी। सीबीआइ ने मामले की जांच के बाद पेपर लीक ममले में 17 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी। गिरफ्तार लोगों में कई एसएससी के कर्मचारी भी थे।

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