वोट में नहीं बदल पाई जनसभाओं की भीड़

Loksabha Election परिणाम से साफ है कि Congress को अपनी जमीन तलाशने के लिए अभी और मेहनत करनी होगी। Congress Adhyaksh के तौर पर Rahul Gandhi BJP की ‘सुनामी’ के बावजूद अपना पुराना प्रदर्शन दोहराने में कामयाब रहे हैं। दक्षिणी राज्यों में मिले समर्थन से सीटों का आंकड़ा पचास के पास पहुंच गया है। Loksabha में नेता विपक्ष के पद तक पहुंचने के लिए अभी पार्टी को कुछ और सीट की दरकार है।

Congress अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने बेहद अक्रामक चुनाव प्रचार किया। चुनाव से ठीक पहले एंट्री करने वाली Congress Mahasachiv  Priyanka Gandhi ने भी प्रचार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। दोनों नेताओं की सभाओं और रोड शो में भीड़ भी जुटी, पर कांग्रेस इसे वोट में बदलने में नाकाम रही। पार्टी ने तमिलनाडु और केरल में अच्छा प्रदर्शन किया है। पर पार्टी Rajasthan, MP और Chhattisgarh में सरकार के बावजूद सीट नहीं जीत पाई।

Rajasthan, MP और Chhattisgarh से कांग्रेस को काफी उम्मीद थी। कुछ माह पहले ही इन तीनों राज्यों में Congress ने विधानसभा चुनाव जीत दर्ज की थी। वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा ने Rajasthan की सभी 25 सीट पर जीत दर्ज की थी। ऐसे में उम्मीद थी कि Government  बनने के बाद कांग्रेस अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगी। मध्य प्रदेश और Chhattisgarh से भी पार्टी को मायूसी हाथ लगी। Panjab में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जरूर कामयाब दिलाई।

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