अभिशाप नहीं, वरदान बनेगी उन्नाव की फैक्ट्रियां, 1900 करोड़ से यहां बनेगा पावर प्लांट

खेतों को बंजर और गंगा को दूषित कर रहा फैक्ट्रियों का ‘जहर’ अभिशाप नहीं, वरदान बनेगा। सीईटीपी में शोधित फैक्ट्रियों के उत्प्रवाह व सीवेज से बिजली बनाई जाएगी। जर्मनी की कंपनी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 1900 करोड़ रुपये की लागत से उन्नाव के दही चौकी और बंथर औद्योगिक क्षेत्र में कॉमन इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट के पास इनकी स्थापना करेगी।

ये देश में अपनी तरह के पहले पावर प्लांट होंगे। यूपीसीडा इसके लिए निशुल्क भूमि उपलब्ध करा रहा है। कंपनी अधिकारियों के मुताबिक प्लांट निर्माण जुलाई के अंत तक शुरू हो जाएगा। निर्माण पूरा होने में एक वर्ष लगेगा। उन्नाव के बाद कंपनी शाहजहांपुर और मुरादाबाद में भी प्लांट लगा सकती है।

उन्नाव में दो-दो सीईटीपी होने के बाद भी टेनरी और औद्योगिक उत्प्रवाह गंगा में जाना नहीं रुका। प्रदूषित उत्प्रवाह गंगा में न गिरे, इसलिए दोनों सीईटीपी उच्चीकृत किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने प्रदूषित उत्प्रवाह वाली 41 फैक्ट्रियां भी सीईटीपी तैयार होने तक बंद करा दीं। अब उन्नाव में टेनरी व औद्योगिक उत्प्रवाह और सीवर के पानी से बिजली बनाई जाएगी। जर्मनी की कंपनी एजी डॉटर्स ने पावर प्लांट लगाने के लिए उन्नाव को चुना है।

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