मंधना-बिठूर रेल मार्ग का होगा विद्युतीकरण, पढ़े पूरी खबर

Bithur की Rail को अभी कुछ और वक्त लगेगा। आमान परिवर्तन के बाद तैयार मंधना-बिठूर रेल मार्ग का Railway Board ने विद्युतीकरण का फैसला लिया है। टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। निर्माण एजेंसी ने सर्वे शुरू कर दिया है। एक दो दिन में काम भी शुरू होने की उम्मीद है।

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज सिंह ने बताया कि कानपुर-फर्रुखाबाद रेल मार्ग का विद्युतीकरण का काम लगभग पूरा हो चुका है। 25 जुलाई को लोको ट्रायल हो सकता है और अगले महीने से ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो जाएगा। ऐसे में मंधना से बिठूर के बीच डीजल इंजन से ट्रेनों का संचालन मुश्किल था।इसलिए Railway Board ने मंधना-बिठूर रेल मार्ग के विद्युतीकरण का फैसला लिया है। इलाहाबाद की Company जय गोस्वामी इलेक्ट्रिक वर्क को विद्युतीकरण का ठेका मिला है। Company ने सर्वे शुरू कर दिया है और एक दो दिन में काम भी शुरू हो जाएगा।

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि इस Project को पूरा करने में Railway 4.9 करोड़ रुपये खर्च करेगा। हर 10 मीटर पर बिजली का पोल लगाया जाएगा। इस तरह इस रूट पर लगभग 690 पोल गाड़े जाएंगे। काम पूरा होने के लिए 30 सिंतबर की तिथि निश्चित की गई है। माना जा रहा है कि इसके बाद ही इस रूट पर ट्रेनों का संचालन शुरू होगा।

घाटे का सौदा बताकर 15 नवंबर 2005 को 119 साल पुरानी बिठूर को जाने वाली रेलगाड़ी का सफर समाप्त कर दिया गया था। Central Station से फर्रुखाबाद के बीच बड़ी लाइन बिछाने के लिए छोटी लाइन बंद कर आमान परिवर्तन का काम शुरू हुआ तो मंधना से बिठूर रेल मार्ग इस नक्शे से गायब था।

बिठूर में अब रेल दोबारा नहीं दौड़ सकेगी। लेकिन बाद में तत्कालीन Rail Minister Lalu Prasad Yadav की कोशिशों से Bithur में रेल की उम्मीद दोबारा जिंदा हुई। वर्ष 2014 से शुरू हुए लगभग 7 Km लंबे आमान परिवर्तन के काम को पूरा होने में करीब 5 साल लगे। लगभग 3 महीने पहले CRS की अनुमति मिलने के बाद भी इस रूट पर ट्रेनों का आवागमन शुरू नहीं हुआ है।

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