लोगों को स्वच्छ पानी, बिजली, स्वास्थ्य सुविधाएं एवं कम खर्च पर स्तरीय शिक्षा उपलब्ध करवाना केन्द्र एवं राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है परन्तु केंद्र और राज्य सरकारें दोनों ही यह जिम्मेदारी निभाने में बुरी तरह विफल रही हैं। सरकारी अस्पतालों की भांति सरकारी स्कूलों की दशा भी अत्यंत खराब है और वहां स्वच्छ पानी, शौचालयों और लगातार बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। आपको बताते चले बीसलपुर तहसील क्षेत्र के थाना बिलसंडा के ग्राम आरजी सुहेला के प्राथमिक विद्यालय मे का लिंटर पूरी तरह से चटका हुआ है।
दीवारों में दरारें आ गई है। जिससे उनका कभी भी गिरने का खतरा बना रहता है लेकिन इस ओर किसी का भी ध्यान नहीं जाता है। लाखो रुपए की लागत लगाकर सरकारी प्राथमिक स्कूल भवन की हालत आज जर्जर हैं। स्कूलों में तो बच्चों के बैठने के लिए टाट, ब्लैकबोर्ड व अध्यापकों के लिए कुर्सियां और मेज तक नहीं हैं। स्कूलों में अध्यापकों व अन्य स्टाफ की भी भारी कमी है। तो अनेक स्कूलों की इमारतें इस कदर जर्जर हालत में हैं कि वहां किसी भी समय कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के परिजनों का कहना है कि अगर इस विद्यालय के दिवार या लिंटर गिर जाता है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा इस बारे में जानकारी लेने के लिए एबीएसए को जब फोन किया तो उनका फोन नहीं उठा।