Uttar Pradesh में विधानसभा उप चुनाव के बाद अब योगी सरकार का ध्यान वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के समायोजन पर है। निगम, आयोग और बोर्ड में रिक्त पदों पर काबिज होने के लिए समीकरण बनाए जा रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लेकर भाजपा संगठन और सरकार में इसके लिए बहुतों ने अपने लिए संपर्क साधने शुरू कर दिए हैं। जल्द ही इसके लिए संगठन और सरकार के Core group की बैठक होगी।
फागू चौहान के बिहार का राज्यपाल बनाये जाने के बाद से ही राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष का पद रिक्त चल रहा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में चौहान-लोनिया बिरादरी की अच्छी तादाद होने की वजह से ही उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई थी। अब नए सिरे से चौहान-लोनिया, कुर्मी, निषाद-बिंद-कश्यप, कुम्हार, विश्वकर्मा, मौर्या-कुशवाहा-सैनी, यादव, गुर्जर आदि जातियों में किसी को मौका मिल सकता है।
राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष का पद तनवीर हैदर उस्मानी के निधन से रिक्त है। Triple Talaq Bill पास होने के बाद अल्पसंख्यक महिलाओं का झुकाव भाजपा की ओर बढ़ा है। इस बीच भाजपा सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर कई मुस्लिम नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है।
भाजपा ने सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास नारे पर बल देते हुए मुस्लिम नेताओं को पार्टी में शामिल करना शुरू किया है। जहां आरिफ मुहम्मद खान को केरल का राज्यपाल बनाया गया वहीं 53 साल तक Congress में समर्पित रहे डॉ. अम्मार रिजवी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। अब संभावना यही है कि किसी प्रभावशाली मुस्लिम चेहरे को अल्पसंख्यक आयोग की कमान मिल सकती है।