अधाधुंध जल दोहन करने वालों पर लगेगा 50 हजार का जुर्माना

शहर में अधाधुंध जल दोहन को रोकने के लिए भूगर्भ जल दोहन नियंत्रण नीति तैयार की गई है। 4 नवंबर को नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में पानी की बर्बादी करने वालों पर 400 से 50 हजार रुपये तक जुर्माना लगाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। सदन की मुहर लगते ही अगले साल से इसे लागू कर दिया जाएगा।

 इसके साथ ही सबमर्सिबल पंप का प्रयोग कर रहे लोगों पर शुल्क लगाने की तैयारी है। पहले चरण में भूजल का व्यावसायिक उपयोग करने वालों से प्रतिवर्ष के हिसाब से 5 हजार रुपये तक शुल्क वसूला जाएगा। शहर में ढाई लाख से ज्यादा सबमर्सिबल पंपों के माध्यम से प्रतिदिन करोड़ों लीटर भूगर्भ जल खींचा जा रहा है।

 इसके चलते भूगर्भ जलस्तर तेजी से गिर रहा है। इसी के मद्देनजर नगर निगम अधिनियम 1959 में निहित धाराओं के तहत पानी के व्यावसायिक प्रयोग और बर्बादी पर कानून बनाने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। पहले चरण में सर्विस सेंटर, तरणताल व डिब्बे में पानी देने वालों को चिह्नित किया जाएगा।

इन पर शुल्क लगाने के साथ ही सबमर्सिबल पंप में मीटर लगाए जाएंगे। यह प्रस्ताव भी कार्यकारिणी की बैठक में रखा जाएगा। इसके बाद सदन की स्वीकृति लेकर नए वित्तीय वर्ष में लागू करने की तैयारी की जा रही है।

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