शहर में इलेक्ट्रिक बसों के परिचालन के लिए अर्बन ट्रांसपोर्ट डायरेक्टरेट ने कंपनी का चयन कर लिया है। अब कैबिनेट मंजूरी के लिए फाइल को भेजा जाएगा। चयनित कंपनी की बसें रैपिड चार्जिंग की सुविधा से लैस होंगी। 45 मिनट में बैटरी पूरी चार्ज हो जाएगी। मोबाइल की बैटरी से तेज चार्जिंग के लिए 151 किलोवॉट की नई जनरेशन की लिथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल किया जाएगा। पहले चरण में 50 बसें सड़कों पर उतारी जाएंगी। छह महीने में इलेक्ट्रिक बसें दौड़ने लगेंगी। इन बसों का परिचालन शुरू होने से शहर की यातायात व्यवस्था मजबूत होगी। धीरे-धीरे बसों की संख्या में इजाफा किया जाएगा। डायरेक्टरेट की तरफ से स्थानीय स्तर पर नगर निगम बसों के परिचालन पर नजर रखेगी।
शहर की सड़कों पर 30 सीटर इलेक्ट्रिक बसें उतारी जाएंगी। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि इन बसों का परिचालन सफल रहा तो अगले चरण में ज्यादा यात्री क्षमता की बसें ली जाएंगी। कंपनी अधिकतम 70 सीट की इलेक्ट्रिक बस बनाती है। उन्होंने बताया कि चयनित कंपनी की बसें शिमला, धर्मशाला और दिल्ली स्थित आइजीआइ हवाई अड्डे पर चल रही हैं। बसों का ग्राउंड क्लीयरेंस अच्छा है।
इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन शुरू होने में छह माह का वक्त लगेगा। इनका परिचालन शुरू करने से पहले अर्बन ट्रांसपोर्ट डायरेक्टरेट को बस डिपो और चार्जिंग स्टेशन बनाना है। डायरेक्टरेट के आग्रह पर नगर निगम ने अकबरपुर-बहरामपुर में इसके लिए जमीन चयनित कर ली है। इसकी डीपीआर बनवाई जा रही है। 22 हजार 500 वर्ग मीटर जमीन पर 50 शेड का बस डिपो बनाया जाएगा। उसमें ही चार्जिंग स्टेशन होगा। इसके अलावा बसों के रूट पर बीच में और अंत में एक-एक चार्जिंग प्वाइंट बनाया जाएगा।