रेलवे की खराब माली हालत को देखते हुए पीएमओ ने रेल मंत्रालय से यात्री ट्रेनों का किराया बढ़ाने को कहा है। पीएमओ का कहना है कि स्थिति को देखते हुए रेलवे को इसी महीने किराए बढ़ाने चाहिए और लोगों को इसका औचित्य भी बताना चाहिए। पीएमओ ने ये निर्देश रेलवे की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए दिए हैं।
इस वर्ष रेलवे की यातायात से कमाई कम, जबकि खर्च ज्यादा हो गए हैं। अप्रैल से अक्टूबर की तिमाही में रेलवे को यात्री और माल यातायात से मात्र 99000 करोड़ से कुछ अधिक कमाई हुई है। हालांकि, लक्ष्य 1 लाख 18 हज़ार करोड़ की कमाई का था। इसके विपरीत खर्च बढ़कर 1 लाख 10 हज़ार करोड़ के हो गए हैं, जबकि लक्ष्य खर्च को 96 हज़ार करोड़ रुपये पर सीमित रखने का था। वहीं, इस स्थिति के लिए अर्थव्यवस्था में सुस्ती और मांग कम होना प्रमुख वजह है, जिसके चलते रेलवे की माल ढुलाई पर बुरा असर पड़ा है। ढुलाई बढ़ाने के लिए रेलवे ने अक्टूबर-मार्च के व्यस्त मौसम के लिए स्टील छोड़ बाकी वस्तुओं की मालभाड़ा दरों में 20 फीसद की रियायत दी है। शताब्दी जैसी कुछ खाली चल रही प्रीमियम ट्रेनो को भरने के लिए उनके किराए भी कम किये हैं, लेकिन पीएमओ इससे सन्तुष्ट नहीं है।
रेलवे के कार्य प्रदर्शन की हालिया समीक्षा के बाद पीएमओ ने उससे इन कदमों को नाकाफी बताते हुए, उससे एकमुश्त किराया बढ़ाने पर शीघ्र निर्णय लेने को कहा है। सूत्रों के अनुसार, पीएमओ चाहता है कि रेलवे बोर्ड इसी महीने किराया वृद्धि का निर्णय ले और उसे 1 जनवरी से लागू कर दें, ताकि जनवरी-मार्च के आखिरी तीन महीनों और चालू वित्तीय वर्ष के दौरान और आगामी बजट से पहले ही इसका लाभ मिल सके। किराया बढ़ोतरी के अलावा पीएमओ ने रेलवे को आमदनी बढ़ाने के कुछ और नए उपाय करने को कहा है।