प्रदेश के 633 कस्बों की बिजली व्यवस्था हाईटेक होगी। इसके तहत 1745 उपकेंद्रों के फीडरों को सीधे Lucknow व Noida स्थित कमांड सेंटर से जोड़ा जाएगा। इससे फीडरों पर ओवर करंट, अर्थ फाल्ट, पावर, रियेक्टिव पावर, वोल्टेज, फ्रिक्वेंसी, लोड की आनलाइन निगरानी हो सकेगी।
साथ ही Online ही फीडर या उससे जुड़े ओवरलोड ट्रांसफार्मर को बंद करने की भी सुविधा मिलेगी। इसके लिए ‘जीÓ इलेक्ट्रिक कंपनी व पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के बीच मंगलवार को करार हुआ। स्काडा के पहले चरण का यह कार्य इस कंपनी को अन्य डिस्कॉम में भी करना होगा।
लगभग 58.97 करोड़ की लागत से यह कार्य 18 माह में पूरा करना है। फीडर के पास कंपनी रियल टाइम यूनिट लगाएगी, जो सीधे उपकेंद्रों के फीडरों से जुड़ेगी। इसके बाद मल्टी प्वाइंट प्रोटोकाल लिंक सिस्टम लगेगा। यहां से वास्तविक डाटा Lucknow व Noida स्थित कमान सेंटर फिर अधिकारियों को मिलेगा जिससे वे निगरानी कर सकेंगे।
पहले चरण में सैफी व सैडी सिस्टम से कार्य होगा। सैफी यानी सिस्टम एवरेज इंट्रप्शन फ्रिक्वेंसी इंडेक्स व सैडी को सिस्टम एवरेज इंट्रप्शन ड्यूरेशन इंडेक्स कहा जाता है। इसके माध्यम से पता चलेगा कि फीडर कब-कब कितनी अवधि के लिए बंद हुआ। इस पर संबंधित अधिकारियों को जवाब भी देना होगा।