नगर निगम ने शहर को Smart बनाने की उम्मीदें कामों को धरातल पर उतारने के लिए Project मैनेजमेंट कंसल्टेंट कंपनी श्रेई थीं। वह Company डेढ़ साल में महज 12 कार्यो की ही विस्तृत परियोजना Report बना पाई। नोडल अधिकारी के सामने शुक्रवार को फजीहत और फटकार मिलने पर शनिवार को नगर आयुक्त ने Company को इस शिथिलता पर Notice जारी कर दिया।
काम तेजी से करने के निर्देश दिए हैं। बरेली को Smart Citie योजना के लिए चौथे राउंड में 19 जनवरी 2018 को चुना गया था। Smart Citie बनाने में 1902 करोड़ की भारी भरकम रकम खर्च होगी।
सभी कार्य कराने के लिए PMC Company के तौर पर श्रेई को चुना गया था। पूरा स्टाफ, दफ्तर उपलब्ध कराने के बावजूद मात्र दस प्रस्ताव ही Company बना सकी है। इसमें भी डेढ़ साल में एक काम ही पायलट Project के तौर पर शुरू हो सका है।
इस रवैये पर नगर आयुक्त अभिषेक आनंद ने सख्त रुख दिखाया है। Company ने जो दर्जन भर Project अभी दिए हैं उन पर करीब 262 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 1500 करोड़ रुपये के अन्य कामों की DPR एक माह में तैयार करने की चुनौती है। PMC के पास करीब 4 सौ करोड़ रुपये के Project लंबित हैं।