जानिए क्यों विधायक मनोज पारस को एमपी एमएलए कोर्ट ने भेजा जेल

बिजनौर की नगीना विधानसभा सीट से सपा विधायक मनोज पारस को एडीजे द्वितीय एमपी-एमएलए कोर्ट ने हरिद्वार हाईवे पर जाम लगाने के मामले में वारंट निरस्त करते हुए जेल भेज दिया। सपा विधायक तीन तारीखों से कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहे थे। इसको लेकर अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई नहीं की।

अधिवक्ता शरीफ अहमद ने बताया कि मुरादाबाद के छजलैट थाना क्षेत्र में वर्ष 2007 में पुलिस के सपा नेता व रामपुर के मौजूदा सांसद आजम खां की गाड़ी रोकने पर विवाद हो गया था। उस दौरान सपा नेताओं ने रोड जाम करते हुए पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया था। पुलिस ने विधायक समेत नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसमें सांसद आजम खां व उनके बेटे अब्दुल्ला का नाम भी शामिल है।

बुधवार को सुबह करीब 11 बजे कोर्ट में सपा विधायक मनोज पारस ने सरेंडर किया था। इसके बाद अधिवक्ता ने जमानत लिए प्रक्रिया शुरू की। कई घंटे कोर्ट के कटघरे में खड़े रहने के बाद भी विधायक को जमानत नहीं मिली। इस दौरान अधिवक्ता ने कई बार कोर्ट की तारीख में हाजिर न होने के तर्क दिए।

अधिवक्ता की ओर से यह भी कहा गया कि विधायक लूज मोशन आने के कारण तारीख पर हाजिर नहीं हो पाए थे। इसके बाद भी एडीजे द्वितीय एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायधीश अनिल कुमार वशिष्ठ ने सपा विधायक मनोज पारस के सरेंडर करने के बाद उनके वारंट को निरस्त करते हुए जेल भेजने के आदेश दिए।

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