पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में तीस हजारी Court ने सुनाई सजा

उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की गैर इरादतन हत्या के लिए दोषी UP के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सहित 7 दोषियों को Delhi की तीस हजारी Court  ने 10 साल की सजा सुनाई है। इसी के साथ 10-10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। वहीं, कुलदीप सिंह सेंगर और उसके भाई अतुल सिंह सेंगर पर जो 10-10 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है, यह रकम पीड़ित परिवार को मुआवजे के तौर पर दी जाएगी, बगैर किसी शर्त के।इससे पहले बृहस्पतिवार को सजा पर बहस के दौरान CBI और पीड़ित पक्ष ने दोषियों के लिए अधिकतम सजा की मांग की थी।

बता दें कि अधिकतम सजा के तहत उम्र कैद का प्रावधान है, लेकिन Court ने 10 साल की ही सजा सुनाई है। बता दें कि कुलदीप सिंह सेंगर को दुष्कर्म के मामले में Court पहले ही सजा दे चुका है, जिसमें प्राकृतिक मौत तक जेल में रखने की सजा दी गई है। सजा पर बहस के दौरान दोषी कुलदीप सिंह सेंगर सहित सभी सात दोषी अदालत में मौजूद रहे। CBI और पीड़िता के वकील धर्मेद्र कुमार मिश्रा ने अधिकतम सजा की मांग की थी, जबकि दोषियों ने अदालत से दया मांगी थी।

इस मामले में अदालत ने 4 मार्च को पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर, माखी थाने के तत्कालीन SHO अशोक सिंह भदौरिया, तत्कालीन सब इंस्पेक्टर कामता प्रसाद, विनीत मिश्र उर्फ विनय मिश्र, बीरेंद्र सिंह उर्फ बउवा सिंह, शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह और जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह सेंगर को दोषी करार दिया था।न्यायाधीश ने कहा था कि दुष्कर्म पीड़िता के पिता को सेंगर ने Police कर्मियों की मदद से फंसाया था। पीड़ित के साथ इतनी बेरहमी से मारपीट की गई थी कि उनकी मौत हो गई।

CBI यह साबित करने में सफल रही कि जब पीड़िता के पिता के साथ मारपीट की गई तो कुलदीप फोन पर पुलिसकर्मियों के संपर्क में था। इसके बाद पीड़ित के खिलाफ अवैध हथियार का झूठा केस दर्ज किया गया। अस्पताल में मेडिकल चेकअप के दौरान सेंगर डॉक्टरों के संपर्क में था। घायल को अस्पताल में रखने के बजाय न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया और 4 दिन बाद उनकी मौत हो गई।

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