लखनऊ को दहशत में डाला कुलीनों ने,जानें पूरा मामला

तुम पार्टी न करो। एक दूसरे से एक फीट की दूरी पर रहो। नमस्ते करो, गले न मिलो। हर आधे घंटे में साबुन से हाथ धो। हाथ भी ऐसे धो कि 30 सेकेंड तक धोते रहो। मुंह पर हाथ न ले जाओ। बाजारों में भीड़ न लगाओ। कहीं भी मजमा न लगाओ। पचास से अधिक लोग जमा न हो। दफ्तर न जाओ और घर से काम करो। छींको तो ऐसी शाइस्तगी से कि खुद को भी खबर न हो।

न टहलने जाओ और न खुद को बहलने दो।सारी दुनिया जब एक घटिया लेकिन, कातिल चीनी उत्पाद का प्रकोप झेलने को अभिशप्त है, तब ये सलाहें बहुत काम की हैं। हम यह कर ले जाएं तो Corona को रोना आ जाए। लोग कर भी रहे हैं।

सरकार की सुन रहे हैं, दिल-दिमाग की मान रहे हैं। होली जैसा बड़ा सामाजिक पर्व सूना ही निकल गया। आठों का मेला बिना रौनक लगाए चला गया। लोग एक दूसरे के घर जाने से ऐसे बचे कि घरों में गुजिया, पापड़ भी बच गए। चौतरफा ज्ञान झरने लगा और जिस बीमारी का फिलहाल कोई इलाज नहीं, उसके सैकड़ों साल पुराने नुस्खे मोबाइल पर तैरने लगे। फिर भी यह सारा ज्ञान सामान्य लोगों के लिए ही था क्योंकि कनिका की Lucknow में हुई धुआंधार पार्टियों ने कुलीनों की कलई उतार दी।

CM से लेकर PM तक जब चिंता जता रहे हैं, एकांतवास का परामर्श दे रहे हैं और लोग उनकी मान रहे हैं, तब ऐसे में मंत्रियों और अफसरों की इन पार्टियों में भागीदारी ने यह साबित कर दिया कि वे व्यवस्था और कानून को ठेंगे पर रखते हैं। कौन नहीं पहुंचा इन पार्टियों में।मौजूदा तो गए ही, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सांसद पुत्र के साथ पार्टियों में पहुंच गईं। उन्हें क्या Corona संहिता नहीं बताई गई थी।

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