कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत को जल्द एक और वैक्सीन जल्द मिल सकती है। देश में बहुत जल्द 12 साल से ऊपर के बच्चों का टीकाकरण शुरू हो सकता है। जायडस कैडिला ने 12 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए डीएनए वैक्सीन बनाई है।
कंपनी ने तीसरे फेज का ट्रायल पूरा कर लिया है और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति मांगी है।
कोविड वर्किंग ग्रूप के प्रेसीडेंट डॉ. एनके अरोड़ा ने रविवार को बताया था कि 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए जाइडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन अगस्त तक उपलब्ध होने की उम्मीद है। जुलाई के अंत तक इसके ट्रायल पूरे हो जाएगा।
जायडस कैडिला दुनिया पहली डीएनए अधारित कोरोना वैक्सीन है। इससे पहले 18 जुलाई को, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया था कि जायडस कैडिला ने अपने तीसरे चरण के अध्ययन के लिए 28,000 से अधिक वॉलंटियर्स को नामांकित किया है।
अगर इस वैक्सीन को मंजूरी मिल जाती है तो भारत के पास कोरोना का एक और टीका उपलब्ध होगा। कोवैक्सीन के बाद यह कोरोना की दूसरी स्वदेशी वैक्सीन होगी। यह तीन डोज वाली वैक्सीन है। पहली डोज के 28 दिन बाद दूसरी और 56 दिन बाद तीसरी डोज दी जाएगी। कंपनी ने कहा है कि वह दो-डोज वाली टीका लाने पर भी काम कर रही है।
बता दें कि देश में फिलहाल 18 साल से ऊपर के लोगों का टीकाकरण हो रहा है। इसके लिए तीन टीकों सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और रूस की स्पुतनिक V का इस्तेमाल हो रहा। हाल ही में मॉडर्ना की वैक्सीन को भी इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। 16 जनवरी को टीकाकरण शुरू होने के बाद अब तक देश में कुल 33 करोड़ से ज्यादा डोज लगाई जा चुकी है।