आसाम:- चुनाव आयोग द्वारा बनाई गई मतदाता लिस्ट से असम के कुल 1.2 लाख मतदाता आगामी लोकसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाएंगे। इस बात की जानकारी चुनाव आयोग के एक बड़े अधिकारी ने दी और साथ ही यह कहा कि, असम के इन मतदाताओं को ‘डी’ मतदाताओं के रूप में चिह्नित किया गया है।
असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मुकेश चंद्र साहू ने कहा कि, राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के पूर्ण मसौदे में जिन लोगों के नाम नहीं हैं लेकिन उनके नाम मतपत्र में हैं तो ऐसे लोग मतदान कर सकते हैं।
असम में लगभग 40.08 लाख लोग ऐसे हैं जिनके नाम भी नागरिक पंजी के पूर्ण मसौदे में शामिल नहीं है। लगभग 3.3 करोड़ लोगों ने इस एनआरसी सूची में अपना नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन किया था लेकिन इनमें से 2.9 करोड़ लोगों के नाम ही इस सूची में दर्ज किए जा सके हैं।
भारत निर्वाचन आयोग ने 1997 में ‘संदिग्ध मतदाता प्रणाली पेश की थी। यह ऐसे लोगों की सूची होती है जो अपने हक के लिए आवाज नहीं उठा पाते है। किसी प्रकार का सबूत भी नहीं दे पाते है। असम के अलावा यह सूची देश के किसी भी हिस्से में नहीं है।
असम में ऐसे मतदाताओं को 2014 के आम चुनाव में भी मतदान नहीं करने दिया गया था।निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने बताया कि असम में तीन चरणों में 11 अप्रैल, 18 अप्रैल और 23 अप्रैल को 28,143 पोलिंग स्टेशनों पर चुनाव आयोजित होंगे।
मुख्य निर्वाचन के अनुसार, वर्तमान में हमारे पास अंतिम संशोधन के अनुसार लगभग 1.2 लाख ‘डी’ मतदाता हैं। इनके रोल को लगातार अपडेट किया जा रहा है और नामांकन की अंतिम तिथि पर सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा। मुख्य निर्वाचन के अनुसार, ‘कोर्ट के मामलों के निपटारे के कारण पिछले संशोधन से ‘डी’ मतदाताओं की वर्तमान संख्या में थोड़ी गिरावट आई है। चुनाव के समय मौजूदा आंकड़ा बदलने की संभावना है।’