संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से हो रहा शुरु

संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। इस सत्र में सरकार का जोर नागरिकता समेत कई अहम बिल पास कराने पर होगा। वहीं विपक्ष राफेल सौदे की जांच के लिए जेपीसी के गठन और महाराष्ट्र के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा कराने के लिए दबाव बना सकता है।

सदन के कामकाज को सुचारू बनाने के लिए स्पीकर ओम बिरला ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। जबकि, संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। शीतकालीन सत्र 13 दिसंबर तक चलेगा।

सरकार ने सत्र के लिए अपनी कार्यसूची में नागरिकता विधेयक को रखा है। Modi सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में इस बिल को संसद में पेश किया था, लेकिन विपक्ष के विरोध के चलते यह पारित नहीं हो सका था। Loksabha का कार्यकाल खत्म होने के बाद यह बिल भी खत्म हो गया था।

इस विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के चलते भागकर 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए हिंदू, जैन, सिख, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। पिछली सरकार ने जब यह बिल पेश किया था, तब असम समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी विरोध हुआ था।

इसके अलावा Delhi में 1,728 अवैध कालोनियों को नियमित करने संसंबंधी विधेयक, ड्यूटी के दौरान डॉक्टरों पर हमला करने वालों पर जुर्माना लगाने, Corporate Tax Rate में कटौती और ई-सिगरेट पर पाबंदी संबंधी 2 अधिसूचनाओं को कानून में बदलने संबंधी बिल भी सदन में पेश किया जा सकता है।

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