जानिए क्यों दारोगा ने कोतवाली की बैरक में लगाई फांसी

शहर कोतवाली की बैरक में सेवानिवृत्ति से मात्र 4 माह पहले दारोगा ने संदिग्ध हालात में फांसी लगा ली। बैरक की तरफ पहुंचे सिपाही ने शव लटकता देख कोतवाल को सूचना दी तो पूरे स्टाफ में सनसनी फैल गई। घटना की जानकारी पर उच्चाधिकारियों ने भी घटना स्थल का निरीक्षण किया।

शहर कोतवाली में तैनात दारोगा Kanpur सजेती थाना के ग्राम कमलापुर निवासी 59 वर्षीय रमाकांत सचान के पास मालखाने का चार्ज था। सेवानिवृत्ति के मात्र 4 माह शेष रहने पर उन्होंने चार्ज देने की प्रक्रिया शुरू की थी। अपने 5 साल के कार्यकाल में वह 3 साल का चार्ज हस्तांतरित कर चुके थे और केवल 2 साल का चार्ज देना शेष रह गया था।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार रोज की तरह वह शुक्रवार सुबह उठे और मार्निंग वाक कर वापस लौटे तथा अपनी बैरक में चले गए। अन्य सिपाही भी ड्यूटी के लिए तैयार होकर निकल चुके थे। कुछ देर बाद एक सिपाही बैरक की तरफ गया तो गमछे से उनका शव छत के कुंड से लटकते देखा।

कोतवाली प्रभारी विपिन त्रिवेदी के अनुसार सेवानिवृत्ति के मात्र 4 माह शेष रहते उन पर किसी तरह का कोई दबाव भी नहीं था और 2 वर्ष छोड़कर शेष पूरा चार्ज हस्तांतरित कर चुके थे।

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