Chandrayaan-2 के विक्रम लैंडर से फिर संपर्क स्थापित करने का समय नजदीक आने के साथ, नासा के मून Orbiter ने चांद के उस हिस्से की तस्वीरें खींची हैं, जहां भारत ने अभियान के तहत सॉफ्ट लैंडिंग कराने का प्रयास किया था। American space एजेंसी नासा के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बृहस्पतिवार को इसकी पुष्टि की है।
नासा के लूनर Reconnaissance Orbiter Spacecraft ने 17 सितंबर को चंद्रमा के अनछुए दक्षिणी ध्रुव के पास से गुजरने के दौरान वहां की कई तस्वीरें ली, जहां विक्रम ने उतरने का प्रयास किया था। एलआरओ मिशन के डिप्टी प्रोजेक्ट साइंटिस्ट जॉन कैलर ने एक बयान में कहा कि इसने विक्रम के उतरने वाले स्थान के ऊपर से उड़ान भरी।
सीनेट डॉट कॉम ने एक बयान में कैली के हवाले से कहा, “एलआरओसी टीम इन नयी तस्वीरों का विश्लेषण करेगी और पूर्व की तस्वीरों से उनकी तुलना कर यह देखेगी कि क्या लैंडर नजर आ रहा है।” रिपोर्ट में कहा गया है कि नासा इन छवियों का विश्लेषण, प्रमाणीकरण और समीक्षा कर रहा है।
उस वक्त चंद्रमा पर शाम का समय था जब ऑर्बिटर वहां से गुजरा था जिसका मतलब है कि इलाके का ज्यादातर हिस्सा बिंब में कैद हुआ होगा। Indian Space Research Organization के Chandrayaan-2 के विक्रम मॉड्यूल का सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने का प्रयास तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं हो पाया था। लैंडर का आखिरी क्षण में जमीनी केंद्रों से संपर्क टूट गया था।