देशभर में कोरोना वायरस के मामले थम नहीं रहे हैं और कोरोना संक्रमितों की संख्या 17 लाख पार पहुंच गई है। इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री कमल रानी वरुण की कोरोना से हुई मौत ने हर किसी को चौंका दिया है। यूपी में किसी मंत्री की कोरोना से यह पहली मौत है। वह 18 जुलाई को कोरोना से संक्रमित पाई गई थीं और रविवार को उनका निधन हो गया। कमल रानी का इलाज राजधानी लखनऊ के एसजीपीआई अस्पताल में चल रहा था।
कमल रानी वरुण योगी सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री थीं। कमल रानी वरुण की तबीयत खराब होने के बाद उनका सैंपल जांच के लिए सिविल अस्पताल में भेजा गया था। रिपोर्ट आने के बाद उन्हें एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था।
ऐसे हुई राजनीतिक करियर की शुरुआत
1989 में वह कानपुर के द्वारिकापुरी वॉर्ड से बीजेपी के टिकट पर पार्षद बनीं। 1995 में वह दूसरी बार पार्षद का चुनाव जीतीं। भाजपा ने 1996 में उन्हें उस घाटमपुर (सुरक्षित) संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतारा। वह 1998 में उसी सीट से दूसरी बार चुनाव जीतीं। हालांकि 1999 के लोकसभा चुनाव में उन्हें सिर्फ 585 मतों से बीएसपी के प्यारेलाल संखवार से चुनाव हार गई थीं। सांसद रहते हुए कमलरानी ने लेबर ऐंड वेलफेयर, उद्योग, महिला सशक्तिकरण, राजभाषा और पर्यटन मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समितियों में भी काम किया।
कमल रानी के निधन से समाज को बड़ी क्षति: योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके निधन पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी गंभीर संवेदना व्यक्त की। योगी ने कहा, ‘कई दिनों से प्रदेश के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान एसजीपीजीआई में उनका उपचार चल रहा था। वह कोरोना वायरस संक्रमित थीं। आज सुबह उनका दु:खद निधन हुआ।’
रिपोर्ट बीपी पांण्डेय