अधिकारियों पर कसे गए शिकंजे का असर दिख रहा है। वैसे तो पूर्व से ही अधिकारियों को सुबह 9 बजे से कार्यालयों में बैठकर जनता की फरियाद सुनने का निर्देश था, लेकिन Wednesday को समीक्षा बैठक में Cm ने कड़ा रुख अख्तियार किया था।
Thursday को उसका असर भी देखने को मिला। जिलाधिकारी से लेकर Police अधीक्षक तक कार्यालय में बैठकर फरियाद सुनते नजर आए। फरियादियों का कहना है कि थाना और तहसील स्तर पर सुनवाई होने लगे तो जनता को परेशानी ही न उठानी पड़ी।
शासन का साफ आदेश था कि सभी जिला स्तरीय अधिकारियों से लेकर अन्य अधिकारी सुबह 9 बजे से कार्यालय में बैठकर जनता की समस्याएं सुनेंगे। धीरे धीरे आदेश का असर कम होता गया और अधिकांश अधिकारी पुराने ढर्रे पर आ गए थे।
Wednesday को Cm Yogi Adityanath ने कड़ा रुख अपनाया और हर हालत में अधिकारियों को कार्यालय में बैठने के साथ ही तैनाती मुख्यालय पर रहने का निर्देश दिया था। जिलाधिकारी और Police अधीक्षक को दिए गए निर्देशों का Thursday को पूरा असर दिखा। जिलाधिकारी पुलकित खरे के अवकाश पर होने की स्थिति में प्रभारी जिलाधिकारी CDO आनंद कुमार कलेक्ट्रेट में बैठकर जनता से मिलते नजर आए।
पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी, अपर पुलिस अधीक्षक कुंवर ज्ञानंजय सिंह भी सुबह 9 बजे कार्यालय में बैठे मिले। अधिकारी तो बैठे मिले लेकिन जनता का कहना है कि उनके बैठने से जनता को ज्यादा लाभ मिलने वाला नहीं। थानों पर Police और तहसील में अधिकारी सुनवाई करने लगें तो फिर जिला मुख्यालय के चक्कर क्यों काटने पड़ें।