नसीरुद्दीन शाह का मानना है कि सिनेमा दशकों से दर्शकों का मनोरंजन कर रहा है। ऐसे में लोगों को सिर्फ एक इस तरह की फिल्में सलमान खान फिल्म तक की सीमित नहीं रहना चाहिए। वे कहते हैं कि फिल्में हमारी भावी पीढ़ी के लिए भी हैं। इसलिए वह अधिक से अधिक सामाजिक मुद्दों से जुड़ी फिल्मों को देखना चाहिए। नसीर कहते हैं मेरा मानना है कि फिल्में समाज को नहीं बदलती। मैं यह भी नहीं कह सकता कि फिल्म शिक्षा का माध्यम होती है। डॉक्यूमेंट्री फिल्में शिक्षित कर सकती हैं, लेकिन फीचर फिल्में नहीं।